रायबरेली । ऊंचाहार तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठना स्वाभाविक है क्योंकि ऊंचाहार का तहसील प्रशासन इस समय क्षेत्र के कार्यों को बहुत तेजी से गति दे रहा है। कार्य की गति को बढ़ावा देने के लिए आजकल तहसील प्रशासन अपने विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों का भी काम खुद ही कर लेता हैं।
तहसील प्रशासन पर उठ रहा सवाल, मजाक उस समय बन गया। जब क्षेत्र के एक गांव में हरे पेड़ की कटान जारी थी और वन विभाग के अधिकारियों को पता ही ना चला। सूत्रों के मुताबिक काफी देर बाद में पता चला कि उप जिलाधिकारी के एक करीबी ने ही अपने स्तर से अपने हितैषी को उस हरे पेड़ को काटने के लिए अनुमति दे दी थी।
मामला तहसील क्षेत्र ऊंचाहार के निरंजनपुर गांव मजरे खुर्रमपुर का है। जहां पर भरी दोपहर में सड़क से काफी अंदर बने एक मकान के बगल में पड़ी खाली जमीन के पास लगे बरसों पुराने हरे पेड़ को कुछ लोगों द्वारा उसे काट कर एक ट्रैक्टर से खींचकर गिरा दिया गया और प्रशासन को भनक नहीं लग सकी। सूत्र बताते हैं कि इसमें प्रशासन की भी मिलीभगत थी जिससे कि हरे पेड़ पर आरा चला दिया गया। पूरे मामले में अब तक प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। मामले से डीएफओ को भी हरे पेड़ की काटे जाने की सूचना दी गई परंतु बड़ा सवाल यह है कि तहसील प्रशासन के बड़े अधिकारियों के मिले होने से क्या इस मामले में डीएफओ करेंगे अधिकारियों पर कार्यवाही।
बताते चलें कि बीते बरसों इन्हीं हरे पेड़ों से ऑक्सीजन के सहारे लोगों ने अपना जीवन बचाया है। नहीं तो एक दौर ऐसा भी था जब लोग अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे और उन्हें पैसे से भी ऑक्सीजन नहीं मिल रहा था।
उपरोक्त मामले से जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को अवगत कराया गया तो उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को जांच करके आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।