कानपुरः प्रभात गुप्ता। उप्र के मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा सेवाओं एवं सावर्जनिक आवश्यक व्यवस्थाओं में यथा आवश्यक सुधार एवं उनकी समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। इसी क्रम में आयुक्त ने मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग, सामान्य चिकित्सा विभाग का आज औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डा0 रिचा गिरी वाइस प्रिंसिपल (एसआईसी), डॉ सुभ्रांशु शुक्ला, सीएमएस, एलएलआर हॉस्पिटल एवं अन्य शामिल हुए।
सर्वप्रथम आयुक्त ने आपातकालीन परिसर में स्थापित सहायता कक्ष को देखा और इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उपस्थित कक्ष सहायिका सुजाता द्वारा अवगत कराया गया कि यहां पर प्रतिदिन 10 से 15 मरीज, जो इमरजेंसी ओपीडी में उपचार हेतु आते हैं, उनका पूर्ण विवरण सूचीबद्ध किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस कक्ष के माध्यम से अन्य मरीजों अथवा उनके तीमारदारों द्वारा पूछने पर उनको संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाती है।
आपातकालीन विभाग में उस विशेष समय पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की उपस्थिति पंजिका की जांच की। देखा गया की पंजिका पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा विगत 5 फरवरी 2022 से अब तक मात्र एक से दो बार ही पंजिका को सीन कर अपने हस्ताक्षर किए गए हैं। जबकि आयुक्त ने पूर्व में आपातकालीन विभाग के किए गए निरीक्षण में सीएमएस डॉक्टर सुब्रांशू शुक्ला को पंजिका का दैनिक रूप से परीक्षण कर अपनी टिप्पणी के साथ हस्ताक्षर किए जाने के निर्देश दिए गए थे।
इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए आयुक्त ने सीएमएस को उपस्थिति पंजिका का नियमित एवं आवश्यक रूप से परीक्षण कर रोस्टर वाइज डॉक्टरों की उपस्थिति की जांच कर पंजिका पर हस्ताक्षर करने एवं इस दौरान बिना सूचना के ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनका स्पष्टीकरण प्राप्त किए जाने के निर्देश दिए गए।
अधिकांश जूनियर डॉक्टरों ने ड्यूटी पर मास्क नहीं पहना हुआ था, जो उचित नहीं है, उक्त कृत्य मरीजों और उनके तीमारदारों को कोरोना के प्रति लापरवाही का संदेश देता है। आयुक्त ने प्रधानाचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को इस संबंध में ड्यूटी पर उपस्थित सभी डॉक्टरों को मास्क पहनने हेतु अपने स्तर से आदेश जारी करने को कहा।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने 17 अप्रैल को विभिन्न स्थानों पर हुई सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों के परिचारकों और परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और प्रवेश और उपचार के कामकाज के संबंध में उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त की, जिस पर उनके द्वारा अस्पताल प्रशासन के सहयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए उनके मरीज को समय पर पर्याप्त इलाज व दवाई मिलने के बारे में बताया गया।
मेडिकल कॉलेज/अस्पताल में यथा आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता के बारे में पूछने पर वाइस प्रिंसिपल द्वारा अवगत कराया गया कि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में सभी दवाइयां उपलब्ध है।
निरीक्षण के दौरान अन्य कोई आवश्यक बिन्दु/समस्या के संबंध में पूछने पर डॉ मनीष, विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी द्वारा अवगत कराया गया कि मेडिकल कॉलेज के न्यूरो ट्रामा सेंटर में प्रतिदिन इंजरी के 30 से 35 मरीज उपचार हेतु आते हैं। यह ट्रामा सेंटर 12 वर्ष पुराना है और वर्तमान में इस ट्रामा सेंटर में 150 मरीज एडमिट है, जिनका उपचार किया जा रहा है। अग्रेत्तर मरीजों के बेहतर उपचार किये जाने हेतु अतिरिक्त एवं नवीन मेडिकल इक्विपमेंट्स की आवश्यकता है। इस पर आयुक्त ने वाइस प्रिंसिपल से एक अनुरोध पत्र शासन को प्रेषित करते हुए उसकी एक प्रति आयुक्त को उपलब्ध कराने को कहा। आयुक्त द्वारा शासन स्तर पर अनुरोध कर आवश्यक मद्द कराये जाने का आश्वासन दिया गया।
उपरोक्त के अतिरिक्त डा0 रिचा गिरी द्वारा चिकित्सालय में मैन पावर की कमी के बारे में अवगत कराने पर आयुक्त द्वारा उक्त समस्या के साथ-साथ अन्य आवश्यक बिन्दुओं पर मासिक रूप से समीक्षा कर इसका निस्तारण कराये जाने का आश्वासन दिया गया।
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त द्वारा यह भी पाया गया की सैकड़ों संख्या में दो पहिया वाहन हलेट इमर्जन्सी कैम्पस के चारों तरफ़ रैंडम तरीक़े से खड़े किए गए है। इसकी वजह से मरीज़ों, डॉक्टर, ऐम्ब्युलन्स आदि का सुगम मूव्मेंट के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मंडलायुक्त ने प्रिन्सिपल ळैटड से अपेक्षा किया कि वे आगामी 3 माह में इमर्जेन्सी कैम्पस के चारों वोर एक बेहतर पार्किंग सुविधा स्मार्ट सिटी या नगर निगम के सहयोग से विकसित करने के निर्देश दिये।