पवन कुमार गुप्ता: रायबरेली। प्रदेश की योगी सरकार में महिला मिशन शक्ति अभियान के बावजूद दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि महिला के घर में घुसकर दबंगों ने जमकर की महिला व उसके पति की पिटाई कर दी। इसके साथ ही महिला को कोतवाली में शिकायत करना भी भारी पड़ रहा है और महिला और उसके परिवार के लिए खतरा इतना बढ़ गया है कि दबंगों द्वारा महिला व उसके पति को तमंचे के बट एवं जमीन पर पटक पटक कर मारा गया।
बताते चलें कि मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के गांव ब्रह्मजीत पुर उर्फ खोजकलापुर का है। श्यामकली पत्नी रामकृपाल व रामकृपाल पुत्र राम प्रसाद द्वारा बताया गया कि हमारे गांव के राधे यादव, रिंकू, सूरज यादव, हरिकेश कुमार द्वारा हमारे घर में घुसकर हमें गिरा गिरा कर मारा गया। प्रताड़ित होने पर पीड़ित द्वारा कोतवाली में मामले की तहरीर दी गई। लेकिन जब दबंगों को इस बात का पता चला तो वह अगले दिन, पीड़ित परिवार जब प्रातः काल अपने खेत में खीरा तोड़ रहे थे तभी राधे यादव आकर उसे धमकी देते हुए प्रताड़ित करने लगा और बोला कि कोतवाली में जो शिकायत तुमने दर्ज कराई है उसमें सुलह समझौता लगा दो, नहीं तो तुमको और तुम्हारे पति को जान से मार दूंगा। पीड़िता ने बताया कि जब हमने कहा कि समझौता नहीं करेंगे तब उनके साथ मौजूद रिंकू, सूरज यादव, हरकेश कुमार ने हमको और हमारे पति को जमीन पर पटक दिया, लात मुक्का डंडे से जमकर पिटाई की। इसी संबंध में दिनांक 2/4/2022 को ऊंचाहार कोतवाली में लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया गया है। ऊंचाहार कोतवाल के द्वारा केवल आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है। पीड़ित द्वारा लगभग 17 दिनों तक ऊंचाहार कोतवाली के चक्कर पर चक्कर काटने पर पांव में छाले पड़ गए लेकिन ऊंचाहार पुलिस तनिक नहीं पसीजी। कोतवाल द्वारा झूठे आश्वासन का झुनझुना थमा दिया गया। न्याय की आस के लिए भटक रहे पीड़ित ने आज दिनांक 19/4/2022 को पुलिस अधीक्षक रायबरेली से लगाई गुहार साहब मुझे बचा लो, दबंगों ने कट्टे के बट एवं जमीन पर पटक पटक व लात घुसा से खूब मारा है इसके साथ ही अधीक्षक को अपनी पीड़ा सुनात हुए बताया कि ऊंचाहार कोतवाली में उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
हालांकि रायबरेली पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित को आश्वासन दिया और कहा कि आप थाने जाओ आप का मुकदमा दर्ज होगा।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऊंचाहार कोतवाल रायबरेली पुलिस अधीक्षक के निर्देशों का पालन करते हैं या फिर उनके निर्देशों की अवहेलना।