Tuesday, November 26, 2024
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उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर स्पा सेंटर की संचालिका व उसके साथियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

⇒स्पा संचालिका व उसके साथियों के खिलाफ धमकी देने का मामला दर्ज
⇒स्पा संचालिका ने 6 वर्षीय मासूम को धन्धे में उतारने की दी थी धमकी
⇒ स्पा सेंटर की संचालिका ने अपने साथी के साथ मासूम से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की दी धमकी
⇒पीड़िता ने अपने व अपनी मासूम बच्ची के साथ अनहोनी होने की जताई आशंका
⇒उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
कानपुरः अवनीश सिंह। बिधनू थाना क्षेत्र निवासी एक विवाहिता ने एक स्पा सेंटर की संचालिका व उसके साथ साथियों के विरुद्ध तहरीर देते हुए आरोप लगाया है कि शहर स्थित स्पा सेंटर की संचालिका अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी 6 वर्षीय बेटी के साथ कोई भी घटना घटित करवा सकती है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर बिधनू थाना में आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता थाना क्षेत्र के गंगापुर कालोनी की रहने वाली है। पीड़िता के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बिगत 9 मई 2022 को उसके मोबाइल पर व्हाट्सअप के माध्यम से लक्जरी व रिफ्रेश स्पा सेंटर की संचालिका लकी सिंह ने अश्लील मैसेज भेजते हुए उसकी बेटी को अगवा कर धन्धे में उतार देने की दी गई। इतना ही नहीं लकी सिंह द्वारा कई ऐसे अश्लील व अभद्र मैसेज पीड़िता के मोबाइल पर भेजे गये जिन्हें लिखा नहीं जा सकता है।
पीड़िता ने लकी सिंह, उसके साथ आशीष पाण्डेय व अन्य अज्ञात के खिलाफ तहरीर देते हुए आशंका व्यक्त की है कि उसकी मासूम बेटी के साथ कुछ भी वारदात घटित हो सकती है।इस मामले में खास बात यह रही कि थाना प्रभारी बिधनू ने पीड़िता को लगभग 10 दिन तक टरकाया। पीड़िता के अनुसार थाना पुलिस ने स्पा सेंटर की सचालिका व उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा और उसे टरकाती रही। अन्ततः इस बात की शिकायत जब पुलिस अधीक्षक आउटर से की गई तो उनके आदेश को भी थाना प्रभारी ने दो बार नजरअन्दाज कर दिया। इसके बाद जब मामला आई जी की चौखट तक पहुंचा तब मुकदमा दर्ज किया गया।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि पीड़िता ने तथ्यों सहित तहरीर दी थी तो थाना प्र्रभारी ने इस मामले को इतने दिन तक टरकाने का काम क्यों किया ?
वहीं जब इतने दिनों बाद उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया तो इस मामले में क्या न्यायपरक कार्रवाही हो पायेगी?