कानपुर। यूएनओडीसी बच्चों और युवाओं, नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों, नशीली दवाओं के उपयोग विकार को नियंत्रित करने वाली दवाओं की आवश्यकता वाले लोगों सहित सबसे कमजोर लोगों के लिए स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करने की वकालत कर रहा है। 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध नशा मुक्ति/निवारण दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र ने फैसला 1987 में लिया था उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वावधान में विश्व मादक पदार्थ निरोधक दिवस के अवसर पर ड्रग्स मुक्त भारत के लिए गंगा जल सत्याग्रह के बाद हुई सभा में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कहीं।ज्योति बाबा ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस साल 2022 की थीम स्वास्थ्य और मानवीय संकट में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान ऐड्रेसिंग ड्रग चौलेंज इन हेल्थ एंड हुमन चैन क्राइसिस रखी है ताकि समाज में अवैध ड्रग्स की बड़ी समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिल सके ज्योति बाबा ने आगे कहा कि अकेले धूम्रपान से ही प्रतिदिन 2500 लोगों की मौत होती है। महिलाओं में अधिक धूम्रपान व वायु प्रदूषण के घालमेल से स्तन कैंसर के रूप में एक बड़ी चुनौती सामने आ रही है। तंबाकू को लगातार सेवन करने से मुंह के अंदर की म्यूकोसा गलने लगती है प्राथमिक अवस्था में रोगी को तीखा खाने में दिक्कत होने लगती है। धीरे-धीरे मुंह कम खुलने लगता है और रोगी को खाना खाने में बहुत दिक्कत होती है। मुंह के अंदर अथवा जीभ पर घाव बन जाते हैं जो आगे चलकर कैंसर बन जाता है। तंबाकू से बने उत्पादों के सेवन द्वारा एवं धूम्रपान करने से कैंसर हृदय रोग डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा रहती है।
ज्योति बाबा ने कहा कि नशा एक ऐसी बीमारी है जो मस्तिक और व्यवहार को प्रभावित करती है जब आप नशीले पदार्थों के आदी होते हैं तो आप विरोध नहीं कर पाते हैं। यह जानते हुए कि यह नुकसानदायक है देश में भांग हीरोइन और अफीम सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली नशीली दवाएं हैं लेकिन मैथमफटामाइन का भी प्रचलन बढ़ रहा है। एक अनौपचारिक अनुमान बताते हैं कि भारत में हीरोइन के 10 मिलियन उपयोगकर्ता हो चुके हैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अंजू सिंह एवं नशा मुक्त समाज आंदोलन के फतेहपुर प्रभारी अंशु सिंह सेंगर ने कहा कि नशे से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं जैसे लाल आंखें सांसो में दुर्गंध खानपान और नींद में बदलाव चिड़चिड़ापन गाली गलौज करना और अस्वच्छता शरीर और मस्तिष्क अनियंत्रित कपकपी बेवजह बड़बड़ाना अपने अलावा अन्य का महत्व न समझना अपने में ही खोए रहना मादक पदार्थों के लिए चोरी करना तथा सबसे बड़ा दोष नशे की हालत में अनुचित निर्णय लेना है। अंत में योग गुरु ज्योति बाबा ने सभी को ड्रग्स मुक्त भारत के लिए सामूहिक कदम बढ़ाने का संकल्प कराया।