⇒स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत बनाये गये शौचालयों के निर्माण में किया गया भ्रष्टाचार
⇒शौचालयों के निर्माण में नियत मानकों की उड़ाई गई खूब धज्जियां
⇒घटिया निर्माण के चलते शौचालय बन गये खण्डहर
⇒खुले में शौच करने के लिये जाने पर मजबूर हुए अधिकतर ग्रामवासी
कानपुर नगरः अवनीश सिंह। बिधनू ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम पंचायत सेन पश्चिम पारा में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकाँक्षी योजना ‘‘ स्वच्छ भारत मिशन’’ के तहत बनाये गये शौचालयों के निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत के नजारे सामने आये हैं। ग्राम पंचायत सेन पश्चिम पारा के अन्तर्गत ग्राम बगहा, सुदीनपुरवा, सुक्खूपुरवा सहित सभी गाँवों में बनाये गये अधिकतर शौचालय अपनी बदहाली के आँसू बहाने पर मजबूर हैं और ग्राम वासी खुले में शौच करने पर मजबूर हो गये हैं।
ग्राम बगहा निवासी गोविन्द यादव, शेर सिंह यादव, राज कुमार, सुमन, मुनीष, संध्या सहित कई लोगों ने बताया कि तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत से शौचालयों के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया जिसके चलते अधिकतर शौचालय जर्जर हो गये हैं। इसके चलते हम सब खुले में शौच करने पर मजबूर हो गये हैं। यह भी बताया कि बरसात शुरू हो चुकी है और ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान ग्राम प्रधान लालमन उर्फ काजल किरन भी चुप्पी साधे हैं और उन्हें शौचालयों की बदहाली नहीं दिख रही है।सुक्खू पुरवा निवासी कई लोगों ने नाम ना छापने की शर्त बताया है कि तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत के चलते शौचालयों के निर्माण में खूब बन्दरबाँट किया गया है। नतीजा सामने है कि अधिकतर शौचालय बदहाल हो गये हैं। शौचालयों के अन्दर घुसने में ही डर लगता है क्योंकि शौचालय की छत कभी भी भरभरा कर गिर सकती है। कई ग्राम वासियों ने यह भी बताया कि आपसी बुराई-भलाई बढ़ने के कारण लोग शिकायत करने से कतराते हैं। अगर शिकायत की भी जाये तो अधिकारी नहीं सुनते!
वहीं ग्राम सेन पश्चिम पारा निवासी धर्मेन्द्र शुक्ला ने बताया कि कई लोगों को शौचालय योजना का लाभ ही नहीं मिला है। इस ओर वर्तमान ग्राम प्रधान लालमन उर्फ काजल किरन ने चुप्पी साध रखी है। परिणामतः ग्राम निवासी परेशानी का सामना करते हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रधानमन्त्री की महत्वाकाँक्षी योजना को इसी ग्राम पंचायत में ही बल्कि पूरी विधान सभा व संसदीय क्षेत्र में पलीता जमकर लगाया गया है किन्तु क्षेत्रीय विधायक अभिजीत सिंह सांगा व सांसद देवेन्द्र सिंह उर्फ भोले सहित जिम्मेदार स्थानीय व जिले के आलाधिकारियों को शौचालयों की बदहादली क्यों नहीं दिखती ? साथ ही क्षेत्रीय जनता का दुःखदर्द क्यों नहीें महसूस करते ? शौचालयों के निर्माण में की गई धाँधली इन्हें नजर क्यों नहीं आती ?
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