राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म पेटीएम पर एक नाटक है जो ‘पेपीएम’ का एक जानबूझकर उठाया गया कदम है, ताकि ‘यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके दो-तीन अरबपति दोस्त भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कर सकें।’
केंद्र और राज्यों में उसके शासन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस ने अक्सर भाजपा पर Paycmऔर Paypm उपहास का इस्तेमाल किया है। श्री गांधी का यह हमला विमुद्रीकरण की छठी वर्षगांठ पर हुआ। इसी दिन 2016 में प्रधान मंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन को कम करने के अंतिम उद्देश्य से 500 रुपये और 1,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों को वापस लेने के निर्णय की घोषणा की थी।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विमुद्रीकरण स्वतंत्र भारत की ‘सबसे बड़ी संगठित लूट’ थी और इस कदम पर मोदी सरकार से एक श्वेत पत्र की मांग की है। ‘इस दिन 2016 में, मोदी सरकार ने मनमाने ढंग से 500 और 1000 के नोटों का विमुद्रीकरण किया। सरकार भारत को एक डिजिटल, कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने के अपने उद्देश्य में विफल रही क्योंकि जनता के पास मुद्रा 21 अक्टूबर तक 30.88 लाख करोड़ के नए उच्च स्तर पर है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा 6 साल पहले की तुलना में लगभग 72 प्रतिशत अधिक नकदी का लेनदेन बढ़ा है।8 नवंबर, 2016 को काले धन का मुकाबला करने और नकदी प्रवाह को कम करने के लिए विमुद्रीकरण लागू किया गया था। लेकिन छह साल से लागू होने के बाद जनता की मुद्रा तक पहुंच बढ़ गई। हमेशा की तरह, ट्विटर जनता के लिए उपहास और टिप्पणियां उपलब्ध कराता है। विमुद्रीकरण से पहले के युग को याद करते हुए मेम्स ने इंटरनेट पर बाढ़ ला दी। जब पीएम मोदी ने टिप्पणी की, ‘मुझे 50 दिन दो, अगर मैं गलत हूं तो मुझे जिंदा जला दो’ और जब उन्होंने 500 और 1000 रुपये के बिल को अलविदा कहा, तो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने मीम्स ट्वीट किए।
ट्विटर हमें उस ‘किंवदंती’ को कभी नहीं भूलने देगा, जिसने अपनी विमुद्रीकरण टिप्पणी से हमें हंसाया और लोगों के समूह ने इस बारे में बात की कि कैसे आयकर अधिकारी नए 2000 के नोटों को ट्रैक कर सकते हैं। यह नायाब खुलासा लोगों के लिए मनोरंजक सरीखा था।
इस बीच कांग्रेस ने आज की तारीख को भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म करने की आज छठी बरसी का नाम दिया। कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर प्रो गौरव वल्लभ ने कहा कि यह ये नोटबंदी की छठी बरसी नहीं है, ये भारत की अर्थव्यवस्था को, भारत की विकास यात्रा को, भारत की रोजगार की यात्रा को, भारत के नौजवानों के सपनों को नष्ट करने की आज छठी बरसी है। आज उसकी छठी पुण्यतिथि है और पिछले 6 साल में, जब से नोटबंदी हुई, उसके बाद 50-100 दिनों के बाद सरकार ने इसका नाम तक नहीं लिया है। उसका दुष्परिणाम आज तक हम भुगत रहे हैं। इससे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट देश में कभी नहीं हुई।
शुरुआत हुई कैशलेस से, फिर आए लैस कैश पर। मैं आपके सामने एक आंकड़ा रखना चाहता हूँ, हालात ये हैं कि पिछले 6 सालों में जो अर्थव्यवस्था में कैश इन सर्कुलेशन है, वो 72 प्रतिशत बढ़ा है। 2016 में कैश इन सर्कुलेशन17.97 लाख करोड़, जो आज 30.88 लाख करोड़ हो गया है।
Home » मुख्य समाचार » अर्थव्यवस्था पर अपने ‘दोस्तों’ का एकाधिकार बनाने की पहल थी नोटबंदीः राहुल गाँधी