⇒ कुंज, गलियां व मंदिर ही तो है प्राचीन वृंदावन की पहचान
लोग बोले कॉरिडोर की रूपरेखा में नहीं हुआ बदलाव तो होगा आंदोलन
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर से कुछ लोग नाखुश भी हैं। ये लोग अपने तरीके से इसका विरोध भी कर रहे हैं। रविवार को स्थानीय लोगों ने पुरातन स्वरूप को बरकरार रखने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इन लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने कॉरिडोर की रूपरेखा में परिवर्तन नहीं किया तो वृहद आंदोलन शुरू किया जायेगा। वृंदावन में श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर यूपी सरकार द्वारा ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जिसमें एक जनहित याचिका के तहत करीब पांच एकड़ भूमि पर कॉरिडोर प्रस्तावित है, लेकिन कुछ लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई रूपरेखा रास नहीं आ रही है। इन लोगों का मानना है, कि प्रस्तावित कॉरिडोर में विकास के नाम पर प्राचीनता को नष्ट किया जा रहा है। धार्मिक नगरी की पहचान कुंज गलियां को खुर्दबुर्द किया जायेगा। जिससे हमारी पुरातन पहचान खत्म होगी। उनका कहना है, कि अगर प्रशासन ने बदलाव नहीं किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं कुछ लोगों का कहना है, कि प्रशासन अपने मनमाने रवैया के कारण बांके बिहारी मंदिर के आसपास पुराने वृंदावन की झलक को नष्ट करने में तुला हुआ है। जिस तरीके से पांच एकड़ भूमि में प्रस्तावित कॉरिडोर को बनाने की जद्दोजहद प्रशासन कर रहा है, उसके चलते बांके बिहारी मंदिर के समीप बने कई सारे प्राचीन मंदिर, मकान, कुंज व गलियां नष्ट हो जाएगी। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कान्हा की नगरी श्री धाम वृंदावन में मौजूद प्राचीन गलियां व कुंज ही तो वृंदावन की पहचान है।