विद्यालयों में बच्चों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत मस्तिष्क ज्वर, मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकन गुनिया, कालाजार आदि की दे जानकारीः डीएम
कानपुर देहात। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में 10 फरवरी से 28 फरवरी तक शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सीएमओ ने बताया कि संचारी रोग तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं सहयोग सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। संचारी रोग नियंत्रण प्रदेश के 75 जनपदों में आयोजित हो चुका है। इस अभियान के कारण दिमागी रोग से होने वाली मृत्यु में भारी कमी आई है। उप्र के मुख्यमंत्री जी द्वारा दिमागी बुखार संचारी रोगों पर नियंत्रण तथा इनके त्वरित एवं सुचारू उपचार हेतु प्रभावी उपाय अपनाते हुए अनवरत व्यापक अभियान चलाए जाने के निर्देश दिये गये है।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक के दौरान समस्त संबंधित अधिकारियों, ईओ, डीपीआरओ, बीएसए, डीआईओएस, कृषि अधिकारी, समाजकल्याण अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी आदि को निर्देश दिये कि नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में वातावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपाय खुले में शौच न करने, पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों के रोकथाम हेतु विशेष रूप से जागरूकता अभियान चलाने के साथ साथ खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था एवं नालियों की साफ सफाई कराने के निर्देश दिये साथ ही उथले हैण्डपंपों के प्रयोग को रोकने के लिए उन्हें लाल रंग से चिन्हित करें व लोगों को चिहिन्त हैण्डपंप का पानी न प्रयोग करने के लिए भी जागरूक करें। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये कि इस अभियान में अपने ग्राम के संबंधित ग्राम प्रधान नोडल होगे जिनका प्रशिक्षण दिनांक 13 फरवरी को प्रातः 11 बजे से प्रत्येक विकास खण्ड में आयोजित कराना सुनिश्चित करें साथ ही वहां एमओआईसी भी उपस्थित रहे व एसडीएम अथवा तहसीलदार की भी भागेदारी सुनिश्चित करायी जाये।
जिलाधिकारी द्वारा महिला एवं विकास कल्याण विभाग को निदेर्शित किया गया कि आंगनबाडी कार्यकत्रियों द्वारा उनके क्षेत्र के समस्त कुपोषित तथा अतिकुपोषित बच्चों की सूची बनाकर उनको पुष्टाहार उपलब्ध कराये साथ ही संचारी रोग तथा दिमागी बुखार हेतु जन जागरण अभियान यथा दस्तक अभियान में स्थानीय एएनएम तथा आशा कार्यकत्रियों को सहयोग करते हुए कार्यक्रम में सक्रिय योगदान प्रदान करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के जिलाविद्यालय निरीक्षक व बीएसए को निर्देशित किया कि इस कार्यक्रम हेतु प्रत्येक माध्यमिक/बेसिक शिक्षा के विद्यालयों द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा हेतु विद्यालय से एक शिक्षक नोडल अध्यापक के तौर पर प्रशिक्षण प्राप्त करें। इसके लिए शैड्यूल बनाकर एमओआईसी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे ताकि संबंधित नोडल अध्यापक का प्रशिक्षण दिनांक 13 व 14 को होना सुनिश्चित हो साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि प्रतिदिन सभा स्थल पर बच्चों को दिमागी बुखार तथा अन्य संचारी रोगों से बचाव, पर्यावरण, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि के सम्बन्ध में परिचर्चा करें व सप्ताह में एक दिन विशेष सत्र का आयोजन कर उन्हें जागरूक करें।
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