♦ शत प्रतिशत निराश्रित गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाने का लक्ष्य तय
मथुरा। अब छुट्टा गोवंश न खेतों में दिखेगा और नहीं सडक पर। सभी ग्राम पंचायतों में गोशालाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इस समय खेतों में गेहूं की कटाई का समय चल रहा है। किसानों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वह गोशालाओं को भूसा दान दें। जनपद में नोडल अधिकारी (निराश्रित गौवंश) निदेशक, समाज कल्याण विभाग पवन कुमार द्वारा गौशाला समिति एवं भूसादान के संबंध में बैठक ली गई। नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में गौशाला निर्माण व अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा की गई। नोडल अधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद के अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट लेते रहें। खंड विकास अधिकारियों से कहा कि जिन गांवों पर शासकीय जमीन है और गत वर्ष जो निजी जमीन पर आधारभूत संरचना की गई थी वहां पर गोवंशो को शिफ्ट कराया जाए। जिन गांव पर शासकीय जमीन उपलब्ध है वहां पर तत्काल उप जिलाधिकारी व्यवस्था कराएं और नए गौशाला बनाए जाए। जिन गांव पर शासकीय जमीन उपलब्ध हो जाए तो वहां पर तत्काल गौशाला का निर्माण करते हुए गौवंश को गौशाला तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत गोवंश गौशाला के अंदर होनी चाहिए। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कहा कि गेहूं की कटाई चल रही है और लोग गेहूं क्रय केंद्र जा रहे है। आप सभी लोग व्यवस्था बनाएं कि क्रय केंद्र से भूसा सीधा गौशालाओं में जाए। आप लोग किसानों को प्रोत्साहित करे की वे भूसा दान दें। जिसे आप सचिव एवं प्रधान के माध्यम से गौशालाओं तक पहुंचाए। अधिकाधिक भूसा गौशालाओं में पहुंचाना डीपीआरओ एवं बीडीओ की जिम्मेदारी है। उन्होंने गौवंशों का ईयर टैगिंग करने के निर्देश दिए। जिन गौशालाओं पर बिना टैग के पशु हैं वहां पर तत्काल टैगिंग की व्यवस्था कराएं और एक प्रपत्र भी बना लिया जाए, जिसमें टैगिंग व बिना टैगिंग के पशुओं का विवरण अंकित किया जाए। गौशालाओं को देने वाला पैसे टाइम पर दे दिया जाए। जिन ग्राम पंचायतों की पत्रावली गोवंशो के भरण पोषण की लंबित है उनका तत्काल भुगतान करा दिया जाए। गौशाला की समीक्षा करें, जिसमें यह देखा जाए कि सेड, वर्मी कंपोस्ट, भूसा घर, विद्युत, पेयजल, वृक्षारोपण व्यवस्थाएं हो तथा हरे चारे की व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाए। जिन गौशालाओं पर जगह नहीं है तो बड़ी गौशालाओं पर गोवंश शिफ्ट कराया जाए। जनपद में जो आवारा पशु घूमते हैं उनको गौशालाओं पर व्यवस्थित कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सभी जगह शत प्रतिशत गोवंश गौशालाओं के अंदर ही रखा जाए। अधिकारियों से कहा कि जो शासन से शासनादेश प्राप्त हुआ है उसमें सभी गांव पर चरवाहों की व्यवस्था करा लें तथा जो पूर्व गोवंशो के संरक्षण की व्यवस्था थी उसे पूर्ववत रखा जाए। गोवंशो के संरक्षण पर किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्सा अधिकारी कराएं, प्रत्येक गांव में गौशाला पर साफ सफाई, सफाई कर्मी वहां पर रहकर करें, गौशालाओं पर 24 घंटे कोई न कोई व्यक्ति अवश्य रहे।