राजीव रंजन नाग ; नई दिल्ली। रविवार को भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से ‘डिग्री दिखाओ’ कैंपेन की शुरुआत कर प्रधानमंत्री को घेरने का अभियान तेज कर दिया है। डिग्री दिखाओ अभियान के तहत अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी इसके तहत पार्टी के नेता नेता देश के सामने अपनी असली शैक्षणिक योग्यता की डिग्री दिखायेंगे। वहीं आप की ओर से बीजेपी सहित देश के अन्य पार्टी नेताओं से भी अपील की गई है कि वह देश के सामने अपनी डिग्री का प्रर्दशन करें।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने रविवार को ‘डिग्री दिखाओ’ कैंपेन की शुरुआत की और जानकारी दी कि रविवार से आप के नेता देश के सामने अपनी डिग्री को रखेंगे। उन्होंने स्वयं अपनी तीन डिग्रियों को मीडिया के माध्यम से देश के सामने रखा, जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमए और अन्य डबल एमए की डिग्री देश के सामने रखा। साथ ही देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से भी अपील करते हुए कहा कि वह अपनी डिग्री को जनता के सामने रखने की अपील की। आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से खासतौर पर अपील की कि वह भी अपनी असली डिग्री को जनता के सामने रखें।आप नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। भ्रष्टाचार आरोप मामले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता को लेकर पिछले दिनों देश के नाम चिट्ठी लिखी थी। वहीं कुछ ही हफ्ते पहले गोपाल राय की ओर से 11 भाषाओं में पीएम की शैक्षणिक योग्यता को लेकर विरोध जताते हुए पोस्टर जारी किया था। इसके बाद बीजेपी ने भी इस मामले पर पलटवार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों का फौज खड़ा करने वाली आप का यह नया ड्रामा है, जिसके माध्यम से देश और दिल्ली की जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मोदी की डिग्री मामले पर गुजरात के एक कोर्ट द्वारा जुर्माना लगाया गया था। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आज से हमारा एक नेता प्रतिदिन अपनी डिग्री दिखाएगा। आज मैं अपनी डिग्री दिखा रही हूं। इस दौरान आतिशी ने मीडिया के सामने अपनी तीन डिग्रियां दिखाईं और आतिशी ने कहा कि बाकि नेता भी अपनी डिग्री दिखाएंगे।
‘डिग्री दिखाओ अभियान’ के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज गर्व से बताएंगे कि आतिशी ने यहां से पढ़ाई की है। इलाहाबाद विश्वविद्लय से ही पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भी पढ़ाई की है। गुजरात यूनिवर्सिटी को भी गर्व होना चाहिए कि उनकी यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ व्यक्ति आज देश का प्रधानमंत्री है। आतिशी ने कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी को अपने डिपार्टमेंट का नाम भी मोदी के नाम पर कर देना चाहिए।
हाल ही में उच्च न्यायालय के आदेश ने पीएम मोदी की शिक्षा को उजागर करने वाले आप के आक्रामक अभियान पर विवाद को जोड़ा है। पार्टी ने कई शहरों में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पोस्टर लगाए थे। 2016 में, केजरीवाल के सूचना के अधिकार (आरटीआई) के अनुरोध पर पीएम मोदी की शिक्षा के विवरण के विवरण के लिए तत्कालीन केंद्रीय सूचना आयोग एम श्रीधर आचार्युलु ने प्रधान मंत्री कार्यालय, गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय को पीएम मोदी के स्नातक और स्नातकोत्तर के बारे में विवरण देने के लिए कहा था। गुजरात विश्वविद्यालय ने पीएम मोदी की डिग्री को तुरंत अपनी वेबसाइट पर डाल दिया, लेकिन साथ ही सूचना आयोग के आदेश को सैद्धांतिक तौर पर चुनौती दी।
सत्तारूढ़ भाजपा ने पीएम मोदी की डिग्रियों की प्रतियां साझा कीं – दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए। श्री केजरीवाल ने दावा किया था कि दस्तावेजों में ‘गंभीर विसंगतियां’ थीं।
गुजरात उच्च न्यायालय में सरकार के वकील तुषार मेहता ने दलील दी थी कि दोनों विश्वविद्यालयों को सूचना का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। शीर्ष सरकारी वकील ने कहा, ‘लोकतंत्र में, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि पद पर आसीन व्यक्ति डॉक्टरेट है या अनपढ़। साथ ही, इस मुद्दे में कोई जनहित शामिल नहीं है। यहां तक कि उनकी निजता भी प्रभावित होती है।’ जोर देकर कहा कि पीएम मोदी की डिग्रियों की जानकारी का उनकी भूमिका पर कोई असर नहीं पड़ा है।
जबकि केजरीवाल के वकील ने प्रतिवाद किया कि चुनाव नामांकन प्रपत्रों में शैक्षिक योग्यता सूचीबद्ध है और यह पूछना एक वैध बात थी। गुजरात हाई कोर्ट में आप की वकील पर्सी कविना ने कहा, ‘हम डिग्री सर्टिफिकेट मांग रहे हैं, उनकी मार्कशीट नहीं।’