सी.एल.टी.एस की पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन के अवसर पर स्वच्छाग्रही प्रशिक्षार्थियों से कहा कि वे ओडीएफ के लिए पूरी तरह से जुटे
अक्टूबर माह तक जनपद को पूरी तरह से ओडीएफ करना है यही प्रशिक्षण व कार्यशाला का उद्देश्य: अजय श्रीवास्तव
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी आवश्यक कार्रवाईयां पूरी करने के उद्देश्य से अकबरपुर स्थित हिन्दी भवन में पांच दिन से चल रहे समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता (सी.एल.टी.एस.) के अन्तर्गत प्रशिक्षण ले रहे 200 से अधिक स्वच्छाग्रही प्रशिक्षणार्थियों का आहवान करते हुए कहा कि प्रशिक्षण में बतायी गयी जानकारियों को ठीक से अमल में लाकर जनपद के सभी विकास खंडों में जहां पर ड्यूटी लगायी गयी है। जिसमें ट्रिगनर, सफाई कर्मचारी, रोजगार सेवक, शिक्षा प्रेरक, ग्राम प्रधान आदि के सहयोग से अपने क्षेत्र में जाकर आमजन को खुले में शौच नही करने के लिए प्रेरित करें तथा प्रत्येक दशा में 2 अक्टूबर 2018 तक जनपद को पूरी तरह से ओडीएफ कराने में सहयोग करें। प्रशिक्षाणर्थी पूरे मनोयोग के साथ प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारियों व तौर तरीकों को आत्मसात करें तथा फील्ड में जाकर लोगों को प्रेरित कर ओडीएफ के प्रति जागरूक करें। खुले में शौच जाने की परम्परा कई बीमारियों की जनक है। खुले में शौच करने से बच्चों से लेकर महिलाओं, किशोरियों, बृद्धों सभी के लिए हानिकारक है। प्रशिक्षण ले रहे स्वच्छाग्रहियों से यह ज्ञानवर्धक तथा प्रेरक जानकारी देते हुए सहायक निदेश सूचना प्रमोद कुमार ने आज अंतिम दिन कही। इस बात को आदमी जानते हुए भी कि खुले में शौच जाना उसके व अन्य लोगों की सेहत के लिए हानिकारक है उस पर अंकुश नहीं लगाता है परिणाम स्वरूप नाना प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। गांवों में खुले में शौच को नियंत्रण करने में व जनपद को ओडीएफ कराने में स्वच्छाग्रही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है। कार्यक्रम का समापन करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी अजय श्रीवास्तव व जिला समन्वयक विमल कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण व कार्यशाला का उद्देश्य से समस्त जनपद में सीएलटीएस विधा के अन्तर्गत समूह में विभिन्न टीम को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के प्रति अलख जलाकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य व खुले में शौच से जनपद को मुक्त कराने की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से यह 5 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला को प्रशिक्षण देते हुए जिला समन्वयक विमल कुमार ने कहा कि स्वच्छाग्रही प्रशिक्षाणर्थी से कहा कि वे संगठित होकर संगठन के रूप में अनुशासित होकर क्षेत्र में सुगमकर्ता की तरह काय्र करेंगे। लोगों को बतायेंगे दुनिया चांद पर मकान बनाने की बात कर रहा है और हम आप लोगों को आपके क्षेत्र में आकर घर में पाखाना शौचालय बनाने व खुले में शौच न करे के लिए अनुरोध कर रहे है तथा जनपद को ओडीएफ कराने के लिए कार्य कर रहे है। कृपा सहयोग दे। अन्यथा की दशा में हमें जिला प्रशासन से शिकायत करनी पड़ेगी जिसका खामियाजा जिनके यहां शौचालय नही है या जो खुले में शौच कर रहे है, भुगतना पड़ेगा। जिला पंचायत राज अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने कहा कि देश व प्रदेश सरकार, प्रशासन स्वच्छता के लिए निरंतर निर्देश दे रहा है। जिसका अनुपालन ग्रामवासियों व क्षेत्रवासियों को भी करना है। स्वच्छाग्रही के तीसरे दिन के प्रशिक्षण में स्वच्छाग्रहियों द्वारा प्रेरक गीत ले मसाल चल पड़े लोग मेरे गांव के लोग अब अंधेरा जीत लेंगे आदि गाया, इसके अलावा जे स्वच्छता नारों से भी गांव में गूंज करने के भी स्वच्छाग्रहियों से कहा गया। इस मौके पर एश्वर्या मिश्रा, आलिया अली, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, शिखा वर्मा, ललिता दीक्षित आदि सहित निगरानी कमेटी के सदस्यों ने भी खुले में शौच न करने , शौचालय बनवाने व उसका उपयोग कैसे हो तथा जनपद को ओडीएफ कराना है इसकी जानकारी विस्तार से दी। प्रशिक्षण के दौरान एसआरजी मेम्बर शिखा एश्वर्या व पुरूष प्रशिक्षणर्थी अतुल श्रीवास्तव, विकास सचान ने स्वच्छता प्रेरक गीत गाकर स्वच्छाग्रहियों का उत्साह वर्धन भी किया। प्रशिक्षण के दौरान क्षेत्र में गये स्वच्छाग्रहियों की रिपोर्ट की भी समीक्षा की गयी। उनसे पूंछा गया कि किन किन घर में शौचालय है या नही, शौचालय किस हालत में है यदि कोई कमी है तो उसके लिए क्या प्रयास हुए है अतः शौचालय का उपयोग हो रहा है या नही, गांव में कौन कौन परिवार खुले में शौच जा रहे है उनकी जानकारी ली गयी।