संजीव गुप्ता लापता कांड-
बरामदगी के बाबजूद फिलहाल अपहरण कांड पर सस्पेंस बरकरार
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। गत 22 जूलाई से लापता हुआ उद्योगपति व कथित रूप से बीसी का कारोबार करने वाला संजीव गुप्ता की वापिसी आम जन के लिए एक रहस्य सरीखी साबित हो रही है। वहीं पुलिस ने भी विवेचना जारी होने और गोपनीयता प्रभावित होने की आड लेते हुए संजीव गुप्ता लापता कांड की मिस्ट्री को साफ करने की जगह गोलमोल कहानी पेश की ऐसे में सुहागनगरी का यह बहुचर्चित कांड फिलहाल आम जन के लिए रहस्य बना हुआ है। वहीं पुलिस ने प्रारम्भिक पूछताछ के बाद कथित बीसी किंग को उसके परिजनों की सुपुदर्गी में दे दिया। नौ दिन पूर्व 22 जूलाई को एडीफाई स्कूल एवं सागर रत्ना रेस्टोरेंट के भागीदार एवं कथित बीसी किंग संजीव गुप्ता शनिवार को पुलिस कस्डटी में प्रेस के सामने पेश हुआ। नौ दिन पूर्व उसायनी के समीप से यकायक लापता हुए संजीव गुप्ता को स्थानीय क्राइम ब्रांच की टीम और आगरा की एसटीएफ ने पानीपत के एक होटल स्वर्ण महल से बरामद करने का दावा किया है। खास बात यह है कि संजीव गुप्ता की बरामदगी जितनी नाटकीय रही उतने ही नाटकीय तरीके से जनपद पुलिस ने उसकी वापिसी की कहानी भी बयां की है,जिसमें कई झोल हैं जिनके जबाब तत्कालिक रूप से नहीं मिल सके। बरहाल संजीव गुप्ता की बरामदगी के दौरान जनपद पुलिस उससे लापता होने के बाबत कुछ खास नहीं उगलवा सकी। हालांकि पुलिस कप्तान ने संजीव गुप्ता के अपहरण की कहानी पर जरूर संदेह व्यक्त किया। पुलिस कप्तान अजय कुमार पांडे ने इस अपहरण कांड को तकनीकी कारणों से संदिग्ध करार देते हुए विवेचना जारी रहने की बात कही। खास बात यह रही कि अमूमन अपहरण और हत्या जैसे केसों में पूरी गहनता से पूछताछ करने वाली पुलिस ने संजीव गुप्ता को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। जिससे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी सुहागनगरी में होने शुरू हो गईं।
पहले मुस्कराया फिर फफक-फफक कर रोया संजीव
पुलिस लाइंस में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस द्वारा मीडिया के सामने पेश किए गए संजीव गुप्ता ने शुरू में पुलिस कप्तान और अन्य अधिकारियों की ओर देख हल्की मुस्कान दी। लेकिन जैसे जैसे मीडिया कर्मियों प्रश्नों का दौर शुरू हुआ संजीव गुप्ता के चेहरे की रंगत भी काफूर होती गई। एक पल ऐसा भी आया जब मीडिया के सवालों से बचने के लिए संजीव गुप्ता ने खुद को मानसिक रूप से परेशान नहीं करने का रोना रोते हुए बचने की कोशिश की।वहीं संजीव गुप्ता के पीछे ढाल बन कर खडी पुलिस ने उसे तत्काल प्रेस काॅफ्रेस रूम से बाहर भेज दिया।
विकल्प गुप्ता और सरिका गुप्ता से होगी पूछताछ प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस कप्तान अजय कुमार पांडे ने गोपनीयता और विवेचना जारी रहने का हवाला देते हुए कहा कि संजीव गुप्ता प्रकरण में उसकी पत्नी सरिका गुप्ता और मनी लाॅडिंग केस के सहआरोपी विकल्प गुप्ता से पुलिस आवश्यकता अनुसार पूछताछ करेगी। हालांकि संजीव गुप्ता और उसके परिजनों को कही भी आने-जाने की छूट होगी लेकिन बुलाए जाने पर उनको संबंधित अधिकारी के समक्ष अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
साथी की सुरक्षा को लेकर राज्यकर्मचारियों ने जताई चिंता
संजीव गुप्ता अपहरण कांड में नामजद किए गए राज्य कर्मचारी प्रदीप पांडे एवं उनकी पत्नी नीता पांडे की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने चिंता जताई है। राज्य कर्मचारी महासंघ के अनुसार संजीव गुप्ता व उनके निकटस्थ परिवाजनों द्वारा श्रीमती नीता पाण्डेय व प्रदीप पाण्डेय के विरूद्ध द्वेष भावना एवं झूटी रिपोर्ट दर्ज करायी है। इसके लिए दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने के साथ ही प्रदीप पांडे और उनके परिजनों की सुरक्षा की जाये।अन्यथा की स्थिति में प्रमोद शर्मा मण्डल मंत्री सिंचाई संघ ने प्रदीप पांडे के परिवार को उत्पीडन होने की स्थिति में अघोषित होने की चेतावनी दी। चेतावनी देने वालों में लटूरी सिंह, ध्रुव कुमार आचार्य, प्रमोद शर्मा मण्डल मंत्री सिंचाई संघ, धर्मेन्द्र कुमार, संदीप दीक्षित, राजकुमार, रमेश चन्द्र शुक्ला, अकबर सिंह, जगवीर सिंह, इन्साफ अली, नरेन्द्र शर्मा, श्रीमती सरोज, शमा बेगम, राकेश सक्सेना, कफील अहमद, कासिम अली, श्री कृष्ण शंखवार, द्विजेन्द्र पचैरी, रवि कटारा, उदयवीर सिंह, रमेश चन्द्र शर्मा, मुसददक हुसैन, सुषमा यादव, बृजमोहन, दीपक कुमार, शिव कुमार, रजनेश कुमार, ईश्वर दयाल यादव, तलत नाज, नागेन्द्र कुमार आदि शामिल हैं।