कानपुरः जन सामना डेस्क। कानपुर नगर निकाय चुनाव में तीसरे नंबर के रूप में जीतकर आए निर्दलीय प्रत्याशियों ने राजनीतिक दलों की नींद उड़ा कर रख दी है। कुल मिलाकर 15 निर्दलीय प्रत्याशी पार्षद पद पर जीतकर आए हैं। इन सभी निर्दलीय पार्षदों में लगभग 80 प्रतिशत प्रत्याशी ऐसे हैं, जो विभिन्न पार्टियों से ऽबागी होकर चुनाव मैदान में उतरे थे। इन लोगों ने अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों के वोट बैंक में सेंधमारी कर जीत हासिल की है। भारतीय जनता पाटी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले ही इनमें प्रमुख रहे हैं। इस बीच खास बात यह है कि निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी पार्षद की सीट पर खाता खोला है जबकि, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से दूसरी बाद पार्षद प्रत्याशी ने एक सीट जीती है। सूत्रों की माने तो भाजपा ने ऐसे लोगों की सूची बनाकर अलग कर दिया है। जबकि कांग्रेस व सपा भी बागियों की सूची बनाकर कार्रवाई की तैयारी में है। निर्दलीय प्रत्याशियों की इस तरह से जीत और इनकी वजह से भाजपा का आगामी चुनाव में गणित बिगड़ सकता है। और आने वाले लोकसभा के चुनाव पर भी असर पड़ सकता है।