हाथरस। जिले में गर्मी बढने लगी है। जनपद का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। आने वाले सप्ताह में और अधिक गर्मी पडने की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कहीं से भी पानी मांगकर पी लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचाया जा सकता है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। परिंदों व पशुओं के लिए गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, और गर्मी में बेजुवान, मूक पशु-पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते हैं। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए।घर के बाहर या बालकनी में छांव वाली जगह पर बर्तन में पानी भरकर रखें। पानी गर्म हो जाने पर समय-समय पर उसे बदलते रहें। कोई भी जानवर यदि खाना न खाए, सुस्त हो या उल्टी करे तो डॉक्टर को दिखाएं। पानी और दाना आदि रख रहे हैं तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखें। ध्यान रहे कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से ही हो जिससे उन्हें पानी पीने में असुविधा न हो और घरों के बाहर भी पानी के बर्तन भरकर रखें, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना में पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं। छत पर भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भर कर रखें। पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं आदि जो भी अनाज घर में उपलब्ध हो उसे बेजुवान, पक्षियों हेतु छतों एवं उचित स्थानों पर अवश्य रखें। पोखर, तालाब आदि कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है। पानी से गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती। वहीं मवेशियों के लिए भी कोटना अपने घरों के सामने रखना चाहिए जो वेस्ट वाटर घर से बाहर फेंका जाता है, उसको कहीं सुरक्षित जगह पर रख दें तो मवेशियों को भी पानी मिल सकता है।