लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत वित्त पोषण हेतु पांच वर्षीय लगभग 04 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग 08 अगस्त, 2017 तक नियोजन विभाग को प्रत्येक दशा में उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि नियोजन विभाग विभिन्न विभागों से प्राप्त डी0पी0आर का परीक्षण कर भारत सरकार को वित्त पोषण हेतु 09 अगस्त को भेजना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत वित्त पोषण हेतु तैयार की जा रही परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ सिंचाई हेतु पानी एवं पेयजल तथा चेक डैम एवं जल संचय बन्धों का निर्माण कराने सम्बन्धी आवश्यकतानुसार योजनाओं का डी0पी0आर0 सम्बन्धित विभागों को निर्धारित तिथि में बनाकर प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत स्प्रिंकलरध्ड्रिप इरिगेशन (माइक्रो इरिगेशन) द्वारा सिंचाई परियोजना, असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण की योजना, समादेश क्षेत्र विकास परियोजना, जाखलौन पम्प नहर के प्रणाली पुनस्र्थापन व पक्के कार्योें की मरम्मत कराने की परियोजना सहित अन्य योजनाएं सिंचाई विभाग द्वारा तैयार कराई जा रही हैं।
कृषि विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में चेक डैम एवं जल संचय बन्धों का निर्माण, लघु सिंचाई विभाग द्वारा रिंचार्जिंग चेक डैम, तालाबों का पुनर्विकास, नये ब्लास्ट / डगवेल का निर्माण, पुराने निजीध्ब्लास्ट कूपों का गहरीकरण, सामुदायिक नलकूप (सामान्य), सामुदायिक नलकूप (एससीपी), गहरे नलकूप (एससीपी), मध्यम गहरे नलकूप (सामान्य), मध्यम गहरे नलकूप (एससीपी) की परियोजनाएं तैयार की गयी हैं।
बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत दुग्ध विकास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा टाॅप वर्किंग, हार्टीकल्चर स्टेट, सब्जी पट्टी, पोषण वाटिका, बुन्देलखण्ड में औद्यानिक विकास योजनान्तर्गत नवीन उद्यान रोपण एवं कम सिंचाई में होने वाले फल-आंवला, अमरूद, बेर, पपीता, अनार, किन्नू आदि के उद्यानीकरण को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु परियोजनाएं तैयार किये जाने, पुष्प विकास कार्यक्रम एवं मिर्च, लहसुन, प्याज, मसाला विकास की संरक्षित खेती आदि की परियोजनाएं तैयार करने का निर्देश दिये गये। पशुधन विकास द्वारा महिला समूह के माध्यम से बकरी पालन, लघु एवं सीमान्त परिवार में कुपोषण निवारण, लो इन्पुट टेक्नोलाॅजी कुक्कुट, लघु एवं सीमान्त परिवार में कुपोषण निवारण हेतु ब्रायलर पक्षी पालन तथा सहयोगी संस्था बायफ के सहयोग से दुधारू पशुओं में कृत्रिम गर्भधान आदि परियोजनाएं तैयार कराकर वित्त पोषण हेतु भारत सरकार भेजी जा रही हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, नियोजन संजीव सरन सहित सम्बन्धि विभागोें के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव तथा विभागाध्यक्षगण उपस्थित थे।