बिगत कई दिनों से मध्य प्रदेश का एक वीडियो सोशल प्लेटफॉर्मों में जमकर सुर्खियों में है और कोई इसे सामाजिक मानसिकता से जोड़ कर देख रहा है, सामाजिक भेदभाव की दृष्टि से तो कोई राजनैतिक दृष्टि से। वहीं जब शिवराज सरकार की आलोचना चहुओर होने लगी और विरोधी दल अपना राजनीतिक हित साधने में जुट गये तो शिवराज सिंह ने भी बिना देर किये, कानूनी कार्यवाइयों को नजर अन्दाज करते हुए आरोपी के घर पर दिखावे के लिये ही सही किन्तु अवैध निर्माण करार देते हुये उसके घर के कुछ हिस्से पर बुल्डोजर चलवा ही दिया और आरोपी के विरु( एन एस ए के तहत कार्यवाही करवाते हुए उसको जेल की सलाखों के पीछे भिजवा दिया। हालांकि सवाल उठना तो लाजिमी ही है कि पेशाब करने वाले भाजपा कार्यकर्ता के घर का अवैध निर्माण अभी तक क्यों नहीं दिखा और क्या सिर्फ लोगों का आक्रोश शान्त करने के लिये शिवराज सिंह चौहान ने बुल्डोजर चलवा दिया गया?मप्र के सीधी जिले में भाजपा विधायक के कथित करीबी प्रवेश शुक्ला ने आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति के मुंह पर पेशाब कर दिया था और इस कृत्य का वीडियो सोशल प्लेटफॉर्मों में जमकर वायरल हो रहा है। कोई इसे यह बता रहा था कि जिसके मुंह पर पेशाब किया गया है वह मानसिक विक्षिप्त है तो कोई इसे जातीय नजरिये से देखकर अतीत में जाकर जाति व्यवस्था को निशाने पर ले रहा था।
चूंकि मप्र में चुनावी दौर का आगाज हो चुका है और इस वीडियो की आड़ लेकर विरोधी दल शिवराज सरकार को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में एक तरफ जहां शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही थी तो दूसरी तरफ आगामी चुनाव में इसकी भारी कीमत भी उसे चुकानी पड़ सकती है क्यों कि मप्र में आदिवासी समुदाय का वोट लगभग 21 प्रतिशत है जो कि चुनावी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह ने आनन फानन में पीड़ित व्यक्ति को अपने निवास में बुलवाकर उसके चरणों को धोया, ईश्वर का रूप बता दिया और कैमरों के सामने अपनी साफ-सफाई पेश की अर्थात इसे दूसरे नजरिये से यह कह सकते हैं कि चुनावी क्षति से बचने के लिये दिखी ‘चरणों में सरकार’ ।