⇒कृषि, आवास स्थल, मत्स्य पालन, वृक्षारोपण एवं कुम्हारी कला हेतु भू-आवंटन के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने हेतु चलाया जाये अभियानः राजीव कुमार
⇒राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कण्ट्रोल रूम को 24 घंटे क्रियाशील रखकर वरिष्ठ अधिकारी तत्परतापूर्वक राहत सामग्री के वितरण की माॅनीटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश
⇒राहत कार्यों में लापरवाही क्षम्य नहीं, दैवीय आपदा से पीड़ित व्यक्तियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये: मुख्य सचिव
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि एक वर्ष से अधिक पुराने लम्बित राजस्व वादों का निस्तारण यथाशीघ्र प्राथमिकता से कराकर निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया जाये। उन्होंने कहा कि कृषि, आवास स्थल, मत्स्य पालन, वृक्षारोपण एवं कुम्हारी कला हेतु भू-आवंटन के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि तालाबों का सत्यापन कराकर मत्स्य पालन पट्टे कराये जाये तथा उद्यान विभाग से समन्वय कर तालाबों के किनारे मनरेगा के अन्तर्गत फलदार वृक्ष लगवाये जायें। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण समाधान दिवसों एवं थाना दिवसों में सम्बन्धित राजस्व अधिकारियों एवं कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा माॅनीटरिंग सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि विगत 20 वर्षों से लम्बित चकबंदी प्रक्रिया को पूर्ण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुये अभी तक हुये विलम्ब के कारणों की जांच कराकर जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने का प्रस्ताव किया जाये। उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से लम्बित चकबंदी प्रक्रिया को पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ यथाशीघ्र पूर्ण कराने हेतु आगामी 15 दिन में एक कार्य योजना प्रस्तुत की जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने भूमि अध्याप्ति कार्यों की समीक्षा करते हुये राज्य स्तरीय परियोजना हेतु उपलब्ध धनराशि 4586.85 करोड़ रुपये के सापेक्ष 753.82 करोड़ रुपये तथा भारत सरकार की परियोजना हेतु उपलब्ध धनराशि 23156.69 करोड़ रुपये के सापेक्ष मात्र 16807.70 करोड़ रुपये वितरित होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिये हैं कि नियमानुसार एवं पारदर्शिता के साथ अवशेष धनराशि का वितरण प्राथमिकता के अनुसार यथाशीघ्र कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने ग्राम समाज एवं शासकीय भूमि से अवैध कब्जों को हटाने हेतु गठित त्रिस्तरीय एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स द्वारा नियमित रूप से अनुश्रवण कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भूलेख नियमावली का प्रख्यापन तथा 18073 राजस्व ग्रामों में खातेदारों/सहखातेदारों का अंशनिर्धारण एवं आधार सीडिंग का कार्य आगामी जनवरी, 2018 तक अवश्य पूर्ण करा दी जाये। उन्होंने कहा कि 1,16,000 मानचित्रों का डिजिटाइजेशन कर उन्हें खतौनी से लिंक कराये जाने का कार्य अप्रैल, 2018 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य हासिल करें।
मुख्य सचिव ने राहत आपदा के कार्यों की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कण्ट्रोल रूम को 24 घंटे क्रियाशील रखकर दो कर्मचारी 24ग्7 तैनात रखे जायें। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी राहत सामग्री का वितरण की माॅनीटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा से पीड़ित व्यक्तियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कण्ट्रोल रूम के दूरभाष संख्या 2235121 एवं 2237515 पर काॅल आने पर तत्काल रिसीव कर आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि कण्ट्रोल रूम में तैनात ड्यिूटी आॅफिसरों को जनपदों में घटित होने वाली बाढ़ सम्बन्धी सूचनायें प्राप्त कर उच्चाधिकारियों को यथाशीघ्र लिखित अथवा मौखिक रूप से तत्काल अवगत कराना होगा, ताकि आवश्यकतानुसार व्यवस्थायें समय से प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करायी जायें।
श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि अभियान चलाकर अविवादित विरासतें दर्ज कराने का कार्य 16 अगस्त से प्रारम्भ कराकर आगामी 31 अक्टूबर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति नियमानुसार एवं पारदर्शिता से प्रक्रिया के तहत भूआवंटन हेतु छूटने न पाने के लिये अभियान चलाकर मार्च, 2018 तक आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण करा ली जायें। उन्होंने कहा कि क्षतिपूरक, वनीकरण लैण्ड बैंक स्थापना का कार्य वर्तमान वर्ष के माह दिसम्बर तक पूर्ण कराना होगा।
बैठक में सचिव राजस्व रंजन कुमार, लीना जौहरी, निदेशक भूमि अध्याप्ति अनिल कुमार पाठक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।