लखनऊः जन सामना डेस्क। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने उ0प्र0 सचिवालय सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले 13 कार्मिकों को उनके सेवानैवृत्तिक लाभों से सम्बन्धित आदेशों का वितरण और स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने सेवानिवृत्त होने वाले सचिवालय कर्मियों को स्वस्थ व सुखद भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने जिस तरह 30 से 32 वर्ष तक सचिवालय में सेवा दी, ठीक उसी प्रकार आगे भी देश और समाज के लिए सेवा करना है। सेवानिवृत्त का मतलब आलस्य नहीं, बल्कि आने वाले कल के लिए भी नई ऊर्जा के साथ कार्य करते रहना है। आप सभी लोग नये जीवन की ओर बढ़ रहे हैं। अब आप लोगों को अपने लिए नहीं समाज के लिए कार्य करना होगा।
उन्होंने सनातन धर्म के चारों आश्रमों-ब्रहमचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृहस्थ आश्रम 50 वर्ष में व्यक्ति के जीवन का वह भाग है, जिसपर उसकी, उसके परिवार की, समाज की और राष्ट्र की उन्नति निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश बदल रहा है, इसमें आप लोगों का योगदान और सहयोग की जरुरत है। व्यक्ति अपनी बौद्धिक क्षमता से आगे बढ़ सकता है और पीछे भी जा सकता है। समाज के लिए क्या करना है, आगामी वर्ष 2047 में हमारा देश कैसा होगा, इसपर विचार करने और कार्य करने की जरुरत है।
सेवानिवृत्त सचिवालय कार्मिकों में 02 विशेष सचिव, 01 संयुक्त सचिव, 01 उप सचिव, 01 अनुसचिव, 02 अनुभाग अधिकारी, 01 समीक्षा अधिकारी, 01 वाहन चालक, 03 अनुसेवक व 01 पेन्टर शामिल है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन के0रवीन्द्र नायक सहित अन्य अधिकारीगण, सेवानिवृत्त कार्मिकों के परिजन आदि उपस्थित थे।