Monday, November 25, 2024
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ओआरईआई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समर्थित शिक्षा प्रदान करने का एक अनूठा मॉडल: मुख्य सचिव

लखनऊ/कानपुर। प्रदेश के मुख्य सचिव एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुर्गा शंकर मिश्र की उपस्थिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) के रणजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र ने ग्रामीण विकास का एक मॉडल प्रदर्शित किया। यह मॉडल ऑनलाइन ग्रामीण शिक्षा पहल (ओआरईआई) प्लेटफॉर्म के माध्यम से दूरदराज के ग्रामीण स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिये आईआईटी कानपुर के डॉक्टरेट छात्रों द्वारा तैयार किया गया है।
मुख्य सचिव ने आईआईटीके के छात्र स्वयंसेवकों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनका प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। ओआरईआई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समर्थित एक अनूठा मॉडल है। उन्होंने आरएसके को अधिक विश्वविद्यालयों के साथ जुड़कर अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया और अगले वर्ष तक 500 छात्रों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा। उन्होंने उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम, जो उच्च शिक्षा के छात्रों को सुदूर गाँव के स्कूलों के बच्चों से जोड़ता है, की भी प्रशंसा की।
मुख्य सचिव ने रोज़ी शिक्षा केंद्र के कौशल कार्यक्रम के प्रमाण पत्र वितरण और पुरस्कार समारोह की भी अध्यक्षता की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चमड़ा और परिधान उद्योगों में प्रशिक्षण एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि ये कानपुर जिले की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) पहल का भी हिस्सा हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को उद्योग में प्रवेश करने, नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने, अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करने और ओडीओपी और विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने युवा लड़कियों के जीवन पर शिक्षा और कौशल विकास के परिवर्तनकारी प्रभाव को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
मुख्य सचिव ने कहा कि आईआईटी कानपुर न केवल विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा में उत्कृष्ट है बल्कि समाज की भलाई के लिए भी काम करता है। उन्होंने आईआईटी कानपुर के छात्र के रूप में अपने समय को याद किया जब वह साइकिल से गांवों में जाते थे और एनएसएस और एनसीसी गतिविधियों में भाग लेते थे। उन्होंने प्रशिक्षुओं से अपनी प्रतिभा को पहचानने और सर्वाेच्च उपलब्धि हासिल करने के लिये प्रेरित किया।
उन्होंने विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाने में आरएसके केंद्र के प्रयासों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि सरकार के मौजूदा उद्देश्यों के अनुरूप किसी भी सफल कार्यक्रम के लिए पार्टनरशिप और नेटवर्क आवश्यक है। उन्होंने उत्पाद की गुणवत्ता और मार्केट अपील बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और डिजाइन इनपुट के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर इस उद्देश्य के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है।
मुख्य सचिव ने कार्यक्रम में कक्षाओं के बाद बच्चों से बातचीत की। उन्होंने बच्चों से पूछा कि आईआईटी कानपुर की कक्षाएं उन्हें कैसे लाभ पहुंचा रही हैं, तो बच्चों ने उत्साहपूर्वक जवाब देते हुए बताया कि ओआरईआई कक्षाएं कठिन विषयों को सरल बनाती है। गणित की कक्षाएं विशेष रूप से दिलचस्प हैं, और हम उन्हें पसंद करते हैं। एक अन्य छात्र ने टिप्पणी की, भौतिकी को सरल प्रयोगों के माध्यम से पढ़ाया जाता है, जिससे इसे समझना बहुत आसान हो जाता है। राम जानकी इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा की छात्रा स्वाति से जब उनकी भविष्य की आकांक्षाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह एक बड़ी अधिकारी बनना चाहती हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल ने आईआईटी स्वयंसेवकों की उनके असीम उत्साह के लिए प्रशंसा की, जो बच्चों के लिए विषयों को जीवंत बनाता है।
रोज़ी शिक्षा केंद्र (आरएसके) के प्रमुख प्रोफेसर संदीप संगल ने स्मार्ट कक्षाओं में उपयोग के लिए स्वयंसेवकों द्वारा विकसित सैकड़ों सरल प्रयोगों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि जब बच्चों को इन मॉडलों के माध्यम से अवधारणाओं से परिचित कराया जाता है, तो यह उनका ध्यान जल्दी आकर्षित करता है और वह विषय को आसानी से समझ जाते हैं।
आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने आरएसके की स्थापना और केवल दो वर्षों में इसकी उल्लेखनीय प्रगति पर जानकारी साझा की, ग्रामीण विकास का एक मॉडल पेश किया, राज्य सरकार को इस मॉडल को अपनाने और बड़े पैमाने पर इसके विस्तार की सुविधा देने का सुझाव दिया।
इस अवसर विशिष्ट अतिथि के रूप में काउन्सिल ऑल लेदर के वाइस चेयरमैन श्री राजू जालान उपस्थित थे। प्रो. सुधांशु शेखर, प्रो. आर्क वर्मा, प्रो. शिखर मिश्रा, प्रो. संतोष मिश्रा, डॉ. संदीप पाटिल और श्री संदीप सक्सेना भी ओआरईआई प्लेटफार्म से जुड़े हुए थे।