⇒करुणावती ने शहर के लोगों से लगाई मदद की गुहार
⇒मासूमों के साथ बदहाली में गुजरबसर कर रहा परिवार
कानपुर, अर्पण कश्यप। सरकारों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ आज भी तमाम प्रयासों के बावजूद हर उस व्यक्ति को नहीं मिल पा रहा है जिसका वह पात्र है। सरकार चाहती है कि कोई भूखा न सोये फिर भी ऐसे नजारे देखने को मिल ही जाते हैं जो हृदय को द्रवित कर देते हैं।
जी हां नौबस्ता क्षेत्र में एक परिवार के सदस्यों की दिनचर्या देखकर कुछ ऐसा लगा कि आज भी सरकारी योजनाओं को धता बताया जा रहा है और देश की एक वृहद योजना खाद्यान्न योजना के संचालित होने के बावजूद एक परिवार में दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं।
क्षेत्र का अर्रा निवासी एक परिवार की परिस्थितियां ऐसी बन चुकी हैं कि एक विधवा व उसके बच्चों को ठीक से भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है। करुणावती के पति अरविन्द्र का जून 2016 में देहावसान हो गया था। करुणावती ने पति की मौत के बाद परिवार का भरणपोषण करने के लिए एक काम 60 रुपये की दिहाड़ी पर करना शुरू किया लेकिन वह कुछ माह बाद छूट गया। करुणा के पांच सन्तानें-कोमल (17), आनन्द (11), मधू व सचिन (6) व मुन्नी (2) हैं। बताया गया कि पति रिक्शा चलाता था लेकिन बीमारी के चलते इलाज कराने में आर्थिक बदहाली इस तरह से आ गई कि परिवार के सदस्यों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हैं। यह भी पता चला कि कभी कभार आस पड़ोस के लोग बच्चों को कुछ खाने को दे देते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि जिन्हें शिक्षा पाने के लिए विद्यालय जाना चाहिए वो नौनिहाल काम करने की बात करते दिखे क्योंकि पेट की आग शान्त करना उनके लिए अहम है। करुणावती को वर्तमान में मदद की आवश्यकता है और करुणावती ने शहर के समाजसेवियों व जन प्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है। उक्त परिवार की मदद के लिए पीड़ित परिवार के मो0 8090930583 पर अथवा जन सामना संवाददाता के मो0 9305061614 पर सम्पर्क किया जा सकता है।