रायबरेली। माननीय जनपद न्यायाधीश तरुण सक्सेना की अध्यक्षता में संविधान दिवस के अवसर पर आज समय 11ः00 बजे दीवानी न्यायालय परिसर, रायबरेली में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त गोष्ठी माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के अनुपालन में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश के साथ ही साथ माननीय पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा न्यायधिकरण एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगण व कर्मचारीगण उपस्थित रहे। गोष्ठी में माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा संविधान के प्रस्तावना का पाठन किया गया। माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि 26 नवम्बर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रुप में भी जाना जाता है। 26 नवम्बर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रुप से अपनाया था, परन्तु इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान में सभी वर्गाे के हितों के मद्देनजर विस्तृत प्रावधानों को शामिल किया गया है। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। इसके अतरिक्त जिला कारागार रायबरेली में निरुद्ध बंदियों के मध्य भी संविधान के प्रस्तावना का पाठन किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रभारी प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय चंद्रमणि मिश्रा, अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय पूनम सिंह, अपर जनपद न्यायाधीश सतीश कुमार त्रिपाठी, आलोक कुमार सिंह, अपर जनपद न्यायधीश रचना सिंह, राकेश कुमार तिवारी, उमा शंकर कहार अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली व अन्य न्यायिक अधिकारी गण व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
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