भारत को स्वर्ग बनाना है,
जन-जन में संयम लाना है।
पोशाक ज्ञान का द्योतक है,
यह मिथ्या भाव मिटाना है।
पश्चिमी सभ्यता भूलाना है ,
भ्रम उनका दूर भगाना है।
स्वार्थ में फंसा जग सारा है,
ये भ्रमित सबको करता है।
जो सोए हैं उन्हें जगाना है,
जो जगे है उन्हें समझना है।
भ्रम की नींद से उठाना है,
सत्कर्म में इनको लगाना है।
अधिकार हमारा कहता है,
कर्तव्य को ले संग चलना है
कर्तव्य के प्रति समझाना है,
क्रोध लोभ भोग से हटाना है
चरित्रवान इनको बनाना है,
व्यवस्थित जीवन लाना है।
मन की मलीनता हटाना है,
बुद्धि, शक्ति को जगाना है।
छात्रों ब्रह्मचर्य अपनाना है,
व्याभिचारिता मिटाना है।
वैमनस्यता को हटाना है ,
सबमें सद् व्यवहार लाना है।
संस्कारिक छात्र बनाना है,
देश को शीर्ष पर ले जाना है
जहां विचार में शुद्धता है,
राष्ट्र की उत्तम प्रगति वहां है
‘नाज़’ ये ऋषियों की धरा है,
तप से कण-कण भरा है।
योगी मोदी ने मिल ठाना है,
भारत को स्वर्ग बनाना है।
✍️डॉ० साधना शर्मा (राज्य अध्यापक पुरस्कृत)
इ० प्र० अ० पूर्व मा०वि० कन्या सलोन, रायबरेली।