लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में वृहद् पौधरोपण अभियान-2024 की तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता में लेते हुए विगत साढ़े छह वर्ष में 168.14 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का कार्य किया है। स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2015 और 2021 के अनुसार प्रदेश के वनाच्छादन में 1,02,999 एकड़ और वृक्षाच्छादन में 93,119 एकड़ की वृद्धि हुई है। इस प्रकार, समवेत प्रयासों से कुल हरित क्षेत्र में 1,96,118 एकड़ की बढ़ोत्तरी हुई है। यह कार्य जनसहयोग से ही संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी जुलाई 2024 के प्रथम सप्ताह में एक बार पुनः वृहद् पौधरोपण का अभियान आयोजित होगा। हमारा लक्ष्य हो आगामी सत्र में कुल 35 करोड़ पौधे लगाए जाएं। इसके तहत एक दिन ऐसा नियत करें जब एक दिन में उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या के बराबर पौधे लगाए जाएं। यह एक बड़ा अभियान है, अभी से इसकी तैयारी प्रारम्भ कर दें। इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा। ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ’ के संदेश से को जन-जन को जोड़ने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी कचरे का एक बड़ा भाग हानिकारक प्लास्टिक का है। प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयास किये जायें। इसके लिए स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाएं। नदियों को पुनर्जीवन देने के प्रदेश सरकार के प्रयासों के अनछे परिणाम मिले हैं। गाजियाबाद की हिंडन नदी के लिए हमें विशेष प्रयास करने होंगे। मृतप्राय नदियों के पुनर्जीवन के लिए कार्ययोजना तैयार करें। नदियों के कैचमेंट एरिया में पौधरोपण करें। विगत वर्षों में बनाए गए ‘खाद्य वन, बाल वन, नगर वन, अमृत वन, युवा वन और शक्ति वन’ जैसे नियोजित पौधरोपण के प्रयास इस वर्ष भी किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्बन फाइनेंस के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि हुई है। अब तक इससे 25,140 किसान लाभान्वित हुए हैं। 6 डॉलर प्रति कार्बन केड्रिट (प्रत्येक 5वें वर्ष) के अनुसार वर्ष 2024-2026 के मध्य कृषकों को लगभग 202 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। इससे अधिकाधिक किसानों को जोड़ा जाए।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।