तू गर्व किस बात पर करता है रे मानव ।
यहां वक्त ही बलवान है, तू बन रे दानव ।
जग को जो रोशन करें, डराता उसे बादल ।
हर ओर खूबी से भरा, मां का बस आंचल।
ब्रज में बजे आज भी, राधा की ये पायल।
कण-कण में बसे कान्हा, ये ऊधौ है पागल ।
हर और राम स्वागत की, सज रही झालर ।
चहुं ओर पीतांबर में, यह दिख रहा भारत ।
संकल्प से सभी के है, विकसित यह भारत।
‘नाज़’ भी करती है गर्व, श्री राम जी पर आज ।
गांव-गांव सज रहा है, संकल्प यात्रा में आज ।
✍️डॉ0 साधना शर्मा (राज्य अध्यापक पुरस्कृत)
इ0 प्र0 अ0 पूर्व मा0 वि0 कन्या सलोन, रायबरेली