मथुराः जन सामना ब्यूरो। उत्तर मध्य रेलवे में आग से बचाव के उपायों और प्रयासों पर ध्यान देने के लिए स्टेशनों और ट्रेनों की मिशन मोड में गहन जांच की जा रही है। इसमें कोचों में फायर एवं स्मोक डिटेक्शन सेंसर की भी जांच; आग के किसी भी संभावित मामले में की जाने प्रतिक्रिया के संबंध में कर्मचारियों के ज्ञान का परीक्षण; गाड़ियों में कूड़ेदान के पास या अन्य जगहों पर कचरा जमा होने से रोकना; ट्रेन में किसी भी ज्वलनशील वस्तु को ले जाने वाले पर कड़ी नजर रखना और कोचों में वायरिंग की जांच करना आदि पहलू शामिल हैं।
इसके अलावा, वांछित स्थानों पर अग्निशामक यंत्रों की उपलब्धता, उनकी समाप्ति तिथि और उनके उपयोग का व्यावहारिक प्रदर्शन की भी व्यापक जाँच और समीक्षा की जा रही है।
आग से सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम हेतु उत्तर मध्य रेलवे ने अनूठी पहल की है। उत्तर मध्य रेलवे में यात्रा के दौरान यात्री ट्रेन के अंदर किसी को धूम्रपान करते हुए, ज्वलनशील पदार्थ ले जाते हुए, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स पर इलेक्ट्रिकल केटल या अन्य कोई अन्य उपकरण चलाते हुए देखें तो घटनाक्रम की जानकारी फोटो खींचकर, वीडियो बनाकर या कॉल करके मोबाइल नं. 9794835916 पर प्रदान कर सकते हैं।
इस सम्बन्ध में महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलव रविन्द्र गोयल ने कहा कि ट्रेन संचालन में संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें सदा सजग रहने की आवश्यकता है साथ ही उन्होंने यात्रियों से भी इसमें सहयोग की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि यात्री गाड़ियों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने वाले यात्रियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए जिससे कि हम अपने सम्मानित यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा बेहतर बना सकेंस महाप्रबंधक ने आग से सम्बंधित घटना की प्रतिक्रिया और बहाली के समय को कम करने के उद्देश्य से नियमित अंतराल पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के भी निर्देश दिये।
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