सखी रे गाओ मंगल गीत, अवध में राम पधारे हैं।
पांच सौ साल गए बीत, अयोध्या राम पधारे हैं।
सजाए तरकस में सब तीर, धनुष ले राम पधारे हैं।
सजी हैं गली और चौबार, अवध में रघुनंदन पधारे हैं।
बज रहे घंटा और घड़ियाल, पवनसुत प्रभु पधारे हैं।
सजे हैं रथ संग घोड़े आज, कौशल्या नंदन आए हैं।
बनाओ पूजा का प्रसाद, सियावर राम पधारे हैं।
लग गए घर-घर वंदनवार, अवध में राम लला पधारे हैं।
चहुं ओर खुशियां और उल्लास, पुरुषोत्तम राम पधारे हैं।
किया योगी मोदी ने प्रयास, श्री राम जन्मभूमि आए हैं।
मनी है फिर से दिवाली आज, प्रभु दर्शन दोनों कर्मयोगी पधारे हैं।
स्वर्ग सा सजा अयोध्या नगर, देवगण दर्शन को आए हैं।
सज गए घर-घर ध्वज आज, ‘नाज़’ अवध में राम पधारे हैं।
✍️डॉ0 साधना शर्मा (राज्य अध्यापक पुरस्कृत)
इ0 प्र0 अ0 पूर्व मा0 वि0 कन्या सलोन, रायबरेली