राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। नाराज ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और परिणाम घोषित होने के बाद ही कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन पर विचार करेगी। सुश्री बनर्जी का ताजा फैसला इंडिया गठंबंधन के लिए एक भारी झटका है।
तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन की एक महत्वपूर्ण घटक है। ममता ने कहा चुनाव के बाद किसी समझौते पर विचार किया जा सकता है। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ किया कि पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए करीब 40 नामों पर विचार चल रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीट बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है। उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा असम में सीट बंटवारे को लेकर कही गई बात के एक दिन बाद आई है। टीएमसी से बातचीत चल रही थी।
उन्होंने कहा, ष्मेरी कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मैंने उन्हें (कांग्रेस को) कई प्रस्ताव दिए… लेकिन उन्होंने उन्हें खारिज कर दिया। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि बंगाल में क्या किया जाएगा। लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हम अकेले ही भाजपा को हराएंगे। अब हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि कांग्रेस के साथ बंगाल में हमारा कोई संबंध नहीं रहेगा।
गुस्से के और संकेत देते हुए, उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर भी हमला बोला, जिसके गुरुवार को बंगाल में प्रवेश करने की उम्मीद है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘वे मेरे राज्य में आ रहे हैं… लेकिन उन्होंने मुझे सूचित करने का शिष्टाचार नहीं दिखाया, जबकि मैं इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हूं। इसलिए जहां तक बंगाल का सवाल है, मेरे साथ कोई संबंध नहीं है।’ सुश्री बनर्जी का कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी के साथ अच्छा तालमेल है, लेकिन श्री गांधी के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण माने जाते हैं। वह पहले भी यह साफ कर चुकी हैं कि वह अपने सहयोगी को बंगाल में चुनाव लड़ने की इजाजत देने के खिलाफ हैं।
ममता बनर्जी ने कहा था उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल रहेंगी लेकिन बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अकले लड़ेगी। बंगाल में केवल तृणमूल ही है जो भाजपा को सबक सिखा सकती है। यह देश को जीत की राह दिखा सकती है… कुछ मिनट बाद कांग्रेस ने अपने मीडिया प्रमुख जयराम रमेश के जरिए जवाब दिया।
श्री रमेश, जो राहुल गांधी और असम में यात्रा के साथ हैं, ने कहा कि उनकी पार्टी ममताजी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकती। श्री रमेश ने जोर देकर कहा, ‘भारत के सभी साझेदार एकजुट होकर बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।’ सुश्री बनर्जी की घोषणा पर भाजपा के अमित मालवीय ने तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने इसे हताशा का संकेत बताया है। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट किया, अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में असमर्थ ममता बनर्जी सभी सीटों पर लड़ना चाहती हैं, इस उम्मीद में कि वह चुनाव के बाद भी प्रासंगिक बनी रह सकेंगी…।
सीट-बंटवारे को लेकर तृणमूल बनाम कांग्रेस की तकरार और इंडिया गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा को कैसे हरा सकता है, इसकी बड़ी तस्वीर, बिना किसी स्पष्ट समाधान के कई हफ्तों से चल रही है। कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने अब तक किसी सौदे को पूरा करने की समय सीमा को नजरअंदाज किया है।
मंगलवार को सुश्री बनर्जी ने अपने राज्य में 10-12 लोकसभा सीटों की कांग्रेस की अनुचित मांग की आलोचना की। उन्होंने इसके खराब रिकॉर्ड की ओर इशारा करते हुए दो सीट की पेशकश की थी। उसने 2014 में चार सीटें जीतीं और 2019 में केवल दो सीटें जीतीं। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने बताया, (सुश्री बनर्जी) ने कहा, कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे के बारे में मत सोचो… उन्होंने कहा कि टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की लेकिन उन्होंने 10-12 की मांग की। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने पिछले सप्ताह कांग्रेस को अनुचित सौदेबाजी के खिलाफ चेतावनी दी थी।
वहीं इंडिया गठबंधन और कांग्रेस की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए ममता ने कहा कि कांग्रेस बची हुई 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों के इलाकों में दखल नहीं देना चाहिए। अगर वे यहां (बंगाल) हस्तक्षेप करेंगे तो उन्हें देखेंगे। हम अब भी गठबंधन का हिस्सा हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने कहा कि वे इंडिया गठबंधन के साझेदार के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव के बाद अपनी आगे की रणनीति पर फैसला करेंगी। ममता ने कहा, हम भाजपा को हराने के लिए जो भी जरूरी होगा, करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस अपने फैसले को सही साबित करने के लिए पिछले चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को भी आधार बना रही है। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 4 और 2019 में सिर्फ 2 सीटें पश्चिम बंगाल में जीती थीं। टीएमसी 28 विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन की एक अहम घटक पार्टी है। पिछले दिनों ही पार्टी ने आप और अन्य पार्टियों के साथ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने का प्रस्ताव दिया था।
ममता बनर्जी के बयान पर कई राजनीतिक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हंगामे के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत असम के बारपेटा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मौजूद जयराम रमेश ने कहा, टीएमसी भारत गठबंधन का एक स्तंभ है। हम ममता जी के बिना भारत गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते। राहुल गांधी ने कहा, बनर्जी इंडिया ब्लॉक की एक प्रमुख नेता हैं। ममता जी भी देश और पश्चिम बंगाल की एक बड़ी नेता हैं। हम ममता बनर्जी के बिना इंडिया ब्लॉक की कल्पना नहीं कर सकते।