सलोन, रायबरेली। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद जुबेर ने शैक्षिक सपोर्टिव सुपरविजन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मटका, चकनेकनाम पुर कहुआ एवं बीआरसी पर चल रहे एफएलएन प्रशिक्षण का सपोर्टिव सुपरविजन किया। बुधवार को सर्वप्रथम प्रातः 10ः10 पर प्राथमिक विद्यालय मटका पहुंचे जहां पर सभी शिक्षक मौजूद रहे।निरीक्षण पर 56 के सापेक्ष 43 बच्चे उपस्थित मिले। शिक्षक अमरेश द्वारा कक्षा एक में पढ़ाए जा रहे कक्षा शिक्षण को देखा वहां पर छात्र रिया, रितिका और साहिल को फर्राटेदार हिंदी पढ़ने पर शाबाशी दी।
12ः40 पर प्राथमिक विद्यालय चकनेकनाम पुर पहुंचे, यहां 59 के सापेक्ष 43 छात्र मौजूद रहे। सभी शिक्षक भी उपस्थित मिले। नफीस फातिमा प्रधानाध्यापिका द्वारा सहायक शिक्षक सामग्री से कक्षा 5 के हिंदी शिक्षण करते देखा और उन्हें शाबाशी देते हुए शिक्षण योजना के अनुसार कक्षा शिक्षण पर बल देने हेतु प्रेरित किया।
अपराहन 2ः20 पर प्राथमिक विद्यालय कहुआ पहुंचे। यहां पर 107 के सापेक्ष 57 छात्र मौजूद रहे। यहां पर छात्र उपस्थिति बढ़ाने पर बल दिया। सभी शिक्षक उपस्थित मिले। शिक्षिका सपना द्वारा पढ़ाये जा रहे कक्षा चार का अवलोकन किया, बच्चों से संतोषजनक उत्तर मिलने पर उन्हें और अच्छा करने हेतु प्रेरित किया। सभी विद्यालयों में पुस्तकों के उचित रखरखाव खेल सामग्री एसएमसी बैठक शिक्षक डायरी शिक्षक संदर्शिका लर्निंग कॉर्नर एवं निपुणतालिका के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
अपराहन 3ः 30 पर बीआरसी मे चल रहे चार दिवसीय एफ एल एन प्रशिक्षण में प्रतिभागियों से रूबरू हुए और उन्हें एकेडमिक वर्ष 2023 एवं 24 की वार्षिक रणनीति को समझना, भाषा शिक्षण की वास्तविक योजना और उनके उद्देश्यों की जानकारी के साथ-साथ साप्ताहिक शिक्षण योजना के उद्देश्य, साप्ताहिक आंकलन, प्रतिदिन बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के संबंध में उचित दिशा निर्देश दिए।
बताते चलें कि बीआरसी में चार दिवसीय एफ एल एन प्रशिक्षण मे 50- 50 शिक्षकों के दो बैच प्रशिक्षक अतुल कुमार पांडेय, संदीप सिंह, सत्य प्रकाश भारती एवं तुलसीराम के नेतृत्व में चल रहे हैं उन्होंने साथी शिक्षकों को सामाजिक ,भावनात्मक विकास की गतिविधियों, मौखिक कहानी ,पोस्टर प्रतियोगिता पर कार्य, खेल गतिविधियां, पाठ पुस्तकों पर चर्चा के साथ-साथ शिक्षक साथियों के अनुभव साझा किये ।
इस अवसर पर सुहैल अहमद; कहकशा बानो, मनु द्विवेदी अनुज्ञा सिंह, आदि शिक्षकों के साथ-साथ सेवानिवृत शिक्षक मोहम्मद इस्माइल खान ने अपने विचार साझा किया।