मथुराः जन सामना संवाददाता। ठा. श्रीप्रियाकान्तजू मंदिर का अष्टम पाटोत्सव हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। देश विदेश से आये भक्तों ने नव्य और भव्य सिंहासन पर विराजे प्रियाकान्त जू भगवान के दर्शन कर पूजा अर्चना की। मंदिर सेवायत, विप्रों के साथ देवकीनंदन महाराज ने बाल विग्रह का पंचामृत अभिषेक कर आरती उतारी तथा भक्तों को आशीवर्चन प्रदान किये। बुधवार को छटीकरा मार्ग स्थित श्रीप्रियाकान्तजू मंदिर के आठवे पाटोत्सव पर मंदिर संस्थापक देवकीनंदन महाराज ने मंगल बधाई गीतों संग उपहार लुटाये। मंदिर गर्भगृह में स्वर्णजड़ित नवीन सिंहासन अर्पित किया गया। भव्य सिंहासन पर मनमोहक पोशाक धारण कर प्रियाकान्तजु भगवान को छप्पन भोग लगाया गया।
आयोजन में आशीर्वचन कहते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भगवान के सच्चे भक्त, संत, वैरागी, भगवान के उत्सवों में सम्मिलित होकर प्रसन्न होते हैं। कहा कि मंदिर के गर्भगृह में विराजित मूर्ति में भक्तों भगवान के दर्शन यूं नहीं होते। प्राणप्रतिष्ठा के साथ पाषाण में भी प्राण आ जाते हैं। भक्तों की आस्था और भावना इन्हें सजीव बनाये रखती है। संतो की सेवा से भगवान की सेवा भी हो जाती है। शास्त्रार्थ महारथी पुरुषोत्तम शरण शास्त्री महाराज ने कहा कि सांसारिक वस्तुओं की प्राप्ति का नाम कृपा नहीं है। इससे पूर्व मंदिर गर्भगृह सजाने वाले सहयोगी सीता राजपूत, पुष्पेन्द्र राजपूत एवं कारीगरों का पटका पहनाकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर गुलजारी कपूर, सतीश गर्ग, श्रीपाल जिंदल, सुरेश गोयल, मधु कपूर, सेवायत दिनेश शर्मा, राहुल शर्मा, सोनी मलिक, सुधीर वर्मा, श्यासुन्दर शर्मा, रवि रावत आदि उपस्थित रहे ।