मथुरा। बेमौसम बरसात से फसलों को नुकसान पहुंचा है। कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल खेतों में लेट गई है। वहीं सरसों की फसल को अधिक नुकसान बताया जा रहा है। वहीं आलू किसानों का भी खेत से आलू निकालने का काम रुक गया है। बारिश से सरसों, गेहूं जौ की फसल को भारी नुकसान हुआ है। राया कृषि फार्म पर तैनात सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट शिवांकर भदौरिया ने बताया कि 35 एमएम बरसात राया कृषि फार्म पर रिकॉर्ड की गई है, न्यूनतम तापमान 14 और अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। रविवार को भी मौसम का मिजाज बिगडा रहेगा और तेज हवाएं चल सकती हैं। गेहूं की फसल गिर गई है। पकी हुई सरसों की फसल बारिश के कारण भीग चुकी है। आलू खेतों में पड़े हैं, लगभग 60 प्रतिशत आलू की खुदाई शुरू नहीं हुई है। बेमौसम बरसात से खेतों में पड़े आलू में सड़न का खतरा बढ़ गया है, बरसात से आलू की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। भाकियू चढूनी के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह भंरगर का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की फसलों पर ही नहीं बल्कि किसानों की उम्मीद पर भी पानी फेर दिया है। मुख्यमंत्री बेमौसम बारिश में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करा कर किसानों की आर्थिक सहायता करें। राया के नगला सहसू के किसान योगेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले दो दिन के मौसम ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। इस बार गेहूं की फसल काफी अच्छी थी लेकिन बारिश ने गेंहू की फसल में काफी नुकसान कर दिया है। एक अन्य किसान महेश ने बताया कि बारिश के अलावा तेज हवाओं ने गेंहू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है।
सरसों पर थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है बाकी की फसलों में नुकसान नहीं है। कुछ किसानों की गैहूं की फसल गिरी है लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं है।
-अश्विनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी मथुरा