लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मत्स्य विशेषज्ञों / अनुभवी सलाहकारों को आमंत्रित करते हुये लखनऊ में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आगामी एक माह में आयोजित कराया जाये, ताकि प्रदेश के मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक जानकारी मत्स्य उत्पादन हेतु प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि नीली क्रांति मिशन को प्रभावी रूप से प्रदेश में क्रियान्वित कराने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु तालाबों एवं समस्त जल क्षेत्रों का सेटेलाइट / जी0आई0सी0 मैपिंग के माध्यम से आगामी अक्टूबर, जनवरी एवं मई माह की भौतिक स्थिति के आधार पर आंकड़ें एकत्र कर जनपदीय विभागीय अधिकारियों से स्थलीय भौतिक सत्यापन कराया जाये। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन हेतु मत्स्य पालकों को नियमानुसार आवंटित ग्राम सभा के तालाबों के पट्टों / जलाशयों के नवीनीकरण की अवधि उत्पादन क्षमता को दृष्टिगत रखते हुये नियमों के तहत बढ़ाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ब्लू रिवोल्यूशन: इन्टीग्रेटेड डवलपमेंट एण्ड मैनेजमेंट आॅफ फिशरीज योजना (नीली क्रान्ति) की राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने हेतु आगामी अक्टूबर माह के अन्त तक नीली क्रान्ति के विजन को प्रस्तावित विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया जाये। उन्होंने कहा कि अन्तस्र्थलीय मत्स्य उत्पादन में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त तृतीय स्थान को बढ़ाकर उच्च मत्स्य उत्पादन वाले राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त करने हेतु वर्तमान उत्पादन दर को चार गुना कराये जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने हेतु वर्ष वार माइल स्टोन निर्धारित कर कार्य योजना को अंजाम दिया जाये।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि उ0 प्र0 राज्य आजीविका मिशन द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा के तालाबों का उपयोग उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम के सहयोग से मत्स्य फिंगरलिंग बीज उत्पादन का कार्य उनके माध्यम से कराया जाये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कृषि विभाग के गठित समूहों को भी जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि नदियों में प्राकृतिक मत्स्य संपदा को बढ़ाने एवं निकटवर्ती निवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु रिवर रेन्चिंग जैसे कार्यक्रम चलाये जायें।
प्रमुख सचिव पशुधन एवं मत्स्य डाॅ0 सुधीर एम0 बोबड़े ने बताया कि मत्स्य विकास निगम द्वारा फिश हैचरी हेतु सोलर ऊर्जा सपोर्ट सिस्टम को विकसित करने एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पर आधारित कैट फिश हैचरी की स्थापना हेतु विस्तृत कार्य योजना का क्रियान्वयन भारत सरकार के सहयोग से वर्तमान वित्तीय वर्ष में कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही मत्स्य विभाग की फ्रेश वाटर पर्ल (मोती) कल्चर के अभिनव कार्यक्रमों को भारत सरकार के सहयोग से कार्यान्वित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य बीज उत्पादन हेतु विभागीय प्रक्षेत्रों एवं निगम की हैचरियों (मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र) की क्षमता के अनुरूप आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जा रही है।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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