नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के साथ-साथ दिल्ली सरकार में नेतृत्व का संकट पैदा हो गया है। राजनीतिक हलकों में पूछा जा रहा है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा और लोकसभा चुनाव 2024 के लिए “आप” का नेतृत्व कौन करेगा।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और कैबिनेट मंत्री आतिशी तथा सौरभ भारद्वाज के नाम पर चर्चा हो रही है। हालाँकि, आप के सामने अब मुख्य चुनौती एक योग्य नेता को लाने की है जो केजरीवाल की अनुपस्थिति में दिल्ली में पार्टी और उसकी सरकार दोनों को संभाल सके। आप नेतृत्व के लिए एक ऐसे नाम का चयन एक बड़ा काम है जो कम से कम 2012 में पार्टी की स्थापना के बाद से पार्टी के संयोजक और लगभग एक दशक तक तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल के कद के करीब हो।
पार्टी की तात्कालिकता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि आप पंजाब, दिल्ली, गुजरात, असम और हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जहां केजरीवाल को पार्टी का प्रमुख प्रचारक होना था।
आबकारी नीति घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार केजरीवाल की उत्तराधिकारी की चर्चा शुरू हो गई है कि अगर अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देते हैं तो अगला सीएम कौन होगा। आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं का तो यही कहना है कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली के सीएम रहेंगे और जेल में रहकर ही सरकार का नेतृत्व करेंगे।
आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ इंडियन रेवेन्यू सेवा (आईआरएस) की अधिकारी रहीं अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम प्रमुखता से लिया जा रहे हैं।
इस पर जेल प्रशासन और कानून के जानकारों का कहना है कि कानूनी रूप से तो इसमें कोई दिक्कत नहीं, लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा मुश्किल है क्योंकि सीएम होने के नाते लोग फाइलें साइन कराने हर दिन जेल में आएंगे। ऐसे में जेल प्रशासन मुख्यमंत्री और जेल की सिक्योरिटी को कोंप्रोमाएज नहीं करना चाहेगा।
उधर, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल में होने की वजह सबसे मजबूत दावेदार आतिशी और सौरभ भारद्वाज को माना जा रहा है। आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, राजस्व, पीडब्ल्यूडी समेत कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वहीं, सौरभ भारद्वाज भी दिल्ली मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्य हैं। उनके पास शहरी विकास, स्वास्थ्य समेत कई विभाग हैं।
आम आदमी पार्टी ने पिछले साल दिसंबर में ’मैं भी केजरीवाल’ नाम से हस्ताक्षर कैंपेन चलाई थी और लोगों से सवाल किया गया कि क्या अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या जेल से सरकार चलानी चाहिए। इसके जवाब में 90 फीसदी लोगों ने कहा कि केजरीवाल के पास दिल्ली का जनादेश है और वह चुने हुए मुख्यमंत्री हैं।
वह जेल में रहें या कहीं भी, मुख्यमंत्री वही रहेंगे। इसे लेकर दिल्ली सरकार ने सर्वे भी करवाया और उसमें भी लोगों की राय थी कि अरविंद केजरीवाल को ही दिल्ली सीएम के पद पर रहना चाहिए।
इस बीच, यदि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ’संवैधानिक मशीनरी के टूटने’ का हवाला दे कर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं ? हालांकि इसको लेकर गृह मंत्रालय कानून विशेषज्ञों के साथ सलाह मश्विरा कर रहा है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 239 एबी के तहत, एलजी ’संवैधानिक मशीनरी के टूटन’ का हवाला दे सकते हैं और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।