राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं का विश्वास बहाल करने का भरोसा दिया है। उसने कहा कि ईवीएम की दक्षता और मतपत्र की पारदर्शिता को संयोजित करने के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन करेंगे। मतदान ईवीएम के माध्यम से करने की बात कही है। पार्टी ने कहा है कि लेकिन मतदाता मशीन से उत्पन्न मतदान पर्ची को वीवीपैट इकाई में रख और जमा कर सकेंगे। इलेक्ट्रॉनिक वोट मिलान का मिलान वीवीपैट पर्ची मिलान से किया जाएगा। पार्टी ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार को अस्वीकार करती है और कांग्रेस वादा करती हैं कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव संविधान और संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं के अनुसार जब भी निश्चित होंगे तब होंगे।
कांग्रेस पार्टी ने 10वीं अनुसूची में संशोधन का वादा भी किया है। इसके तहत दलबदल करने पर विधानसभा या संसद की सदस्यता खुद समाप्त हो जाएगी। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सख्ती से कानून के अनुसार काम करेंगी। हर मामले को संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा। कांग्रेस यह सुनिश्चित करने का का भरोसा दिया है कि पुलिस, जांच और खुफिया एजेंसियां सख्ती से कानून के अनुसार काम करेंगी। जिन बेलगाम शक्तियों का अभी वो प्रयोग करते हैं, उन्हें कम कर दिया जाएगा। कांग्रेस मीडिया की पूर्ण स्वतंत्रता सहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहाल करने का वादा करती हैं। कांग्रेस इंटरनेट के मनमाने और अंधाधुंध निलंबन को समाप्त करने का वादा करती है। घोषणापत्र में महिलाओं को 1 लाख सालाना और 30 लाख नौकरियों की बात कही है।
अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा कि डिग्री पूरी करने के बाद 25 साल के युवाओं को एक साल की ट्रेनिंग के लिए अप्रेंटिस के तौर पर एक लाख रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे। घोषणा पत्र में केंद्र सरकार में 30 लाख नौकरियां, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने और पीएमएलए खत्म करने से कई वादे भी किए गए हैं। कांग्रेस के न्याय पत्र में कहा है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो खाली पड़े 30 लाख पदों की भर्ती की जाएगी। गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना दिया जाएगा। जाति जनगणना होगी, एम एस पी पर कानून बनेगा। घोषणापत्र में मनरेगा मजदूरी 400 रुपए, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने और पी एम एल ए कानून में बदलाव का ऐलान किया गया है। साथ ही सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की भी बात कही गई है।
शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस घोषणापत्र 2024 के अवसर पर राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा- यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है। एक तरफ एन डी ए और प्रधानमंत्री मोदी हैं जो संविधान और लोकतंत्र पर आक्रमण कर रहे हैं और दूसरी तरफ आई एन डी आई ए गठबंधन है जो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करता है। घोषणा पत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि हमारा यह घोषणापत्र देश के राजनीतिक इतिहास में ‘न्याय का दस्तावेज’ के रूप में याद किया जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई गई भारत जोड़ो न्याय यात्रा यात्रा के दौरान पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यात्रा के दौरान युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिसदारी न्याय की घोषणा की गई थी। हमने हर जगह इन्हीं न्याय की बात कही थी। इन 5 न्याय के अंदर 25 गारंटियां शामिल हैं, जिससे हर वर्ग को फायदा मिलेगा।
घोषणा पत्र में न्याय के पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया और 25 गारंटियों का वादा किया गया। घोषणापत्र को पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जारी किया। देश की सबसे पुरानी पार्टी द्वारा जारी घोषणापत्र में जाति जनगणना, आरक्षण की सीमा बढ़ाने, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में सभी वर्गों को शामिल करने जैसे कुछ साहसिक वादे शामिल हैं।
अग्निपथ योजना को ख़त्म करने, किसानों की कर्ज़ माफ़ी, नौकरियों का वादा समेत कांग्रेस ने घोषणापत्र में 25 गारंटियों की बात की है। पार्टी का चुनाव घोषणापत्र पांच न्याय या न्याय के पांच स्तंभों पर केंद्रित है, जिसमें युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय के साथ-साथ इसके द्वारा की गई गारंटी भी शामिल है।
पार्टी ने कहा है कि वह सत्ता में आई तो वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और विधवाओं को प्रति माह एक हजार रुपये की पेंशन देगी। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने केंद्र सरकार में 30 लाख रिक्त पदों पर भर्ती का वादा किया है। अपने 48 पेज के घोषणा पत्र में पार्टी ने 5 न्याय और 25 गारंटी का ऐलान किया। पार्टी के घोषणा पत्र में मजदूरी 400 रुपए दिन करने, गरीब परिवार की महिला को साल में 1 लाख रुपए देने, एमएसपी को कानून बनाने और जाति जनगणना कराने का जिक्र है।
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में युवा, महिला, मजदूर और किसान पर फोकस किया है। इन सभी वर्गों के लिए अलग-अलग तरह कीयोजनायें लने का भरोसा दिया है। पार्टी ने कहा है कि उसका घोषणा पत्र वर्क, वेल्थ और वेलफेयर पर आधारित है। यहां वर्क के मायने रोजगार, वेल्थ के मायने आमदनी और वेलफेयर के मायने सरकारी स्कीम्स के फायदे दिलाना है। कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बुजुर्गाे को रेलवे में रियायत देने का वादा किया है। कोरोना के बाद से केंद्र सरकार ने इसे लगभग खत्म कर दिया है।
देशभर के लिए 25 लाख रुपए तक फ्री इलाज की योजना (हालांकि राजस्थान में राहुल गांधी ने 50 लाख रु. तक के फ्री इलाज की घोषणा की थी, इसके बाद कांग्रेस वहां हार गई थी)। कुल बजट का 4 फीसदी स्वास्थ्य के लिए, यह 2028-29 तक हो पाएगाकेंद्रीय जांच एजेंसियों पर लगाम कसा जाएगा
जैसा भी मामला हो, उन्हें संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा। कांग्रेस संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन करेगी और दलबदल (जिस मूल पार्टी से विधायक या सांसद चुना गया था उसे छोड़कर) को विधानसभा या संसद की सदस्यता से स्वतः अयोग्य घोषित करेगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज विपक्षी नेताओ को बंद किया जा रहा है। चुनाव में समान अवसर नहीं हैं। हमारी पार्टी के ऊपर 3500 करोड़ से ज्यादा की पेनाल्टी लगाई है। यह आज हमारे ऊपर हो रहा है और कल मीडिया के ऊपर होगा। इसलिए देश और संविधान को बचाना है। इस देश से मोदी को हटाना जरूरी है।
कांग्रेस राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना करवाएगी। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। कांग्रेस शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराएगी। कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50 प्रतिशत का कैप हटाएगी। कांग्रेस अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के भीतर भरेगी।
वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान महज 200-500 रुपए प्रति महीने है। कांग्रेस पेंशन की इस राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह करेगी। कांग्रेस 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेगी। कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि उच्च पदों जैसे, न्यायाधीशों, सरकार के सचिवों, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों, कानून अधिकारियों और बोर्ड के निदेशकों पर अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो।