मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। रोजगार छिनने की आशंका से निषाद समाज आशंकित है। अभी यमुना में गरुण क्रूज का संचालन विधवतरूप से शुरू नहीं हुआ है लेकिन निषाद समाज को इस बात की चिंता है कि अगर ऐसा होता है तो उनके रोजगार पर चोट होगी, जोकि पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसे लेकर नाविक एक बार फिर लामबंद हो गए हैं। नाविकों ने अधिकारियों पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए अपनी रोजी रोटी को लेकर चिंता जताई है। आक्रोशित नाविकों का कहना है कि अगर जुगल घाट से केसी घाट तक क्रूज चलाया गया तो उग्र आंदोलन शुरू किया जायेगा। यहां बताते चलें कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा यमुना में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत वर्ष दिल्ली की अयोध्या क्रुजलाइंस प्राइवेट लिमिटेड से क्रूज संचालन का एमओयू साइन किया था। जिसके तहत मथुरा के विश्राम घाट से क्रूज को शुरू कर वृंदावन और गोकुल तक तीर्थ यात्रियों को घाटों पर घुमाया जायेगा। करीब तीन माह पूर्व भी नाविकों ने क्रूज संचालन की सूचना पर प्रदर्शन किया था लेकिन अधिकारियों ने इसे स्थानीय स्तर पर यमुना में न चलाए जाने के आश्वासन पर प्रदर्शन खत्म कर दिया गया था। रविवार को निजी एजेंसी के अधिकारियों द्वारा केशीघाट पर क्रूज संचालन के लिए प्लेटफार्म बनाए जाते ही स्थानीय नाविक लामबंद होकर विरोध पर उतर आए। देखते ही देखते सैंकड़ों की संख्या में नाविकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि अगर जुगल घाट से केशीघाट तक क्रूज चलाया गया तो हमारा रोजगार छिन जाएगा। हमारा जीवन यापन नाव संचालन से ही होता है। इधर नाविकों के हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और नाविकों को समझा बुझाकर शांत कराया।