ऊंचाहार, रायबरेली। सोमवती अमावस्या के पावन अवसर पर महर्षि गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली गोकना घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कल्याण की कामना की। घाट पर भोर से ही स्नानार्थियों के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। हर हर गंगे के नारों व घन्टा घड़ियाल की ध्वनि से घाट गुंजायमान रहे। ऐतिहासिक गोकना घाट पर स्नान के लिए क्षेत्र के अलावा दूरदराज से बड़ी संख्या में हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे। स्नानार्थियों ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की और मंदिरों में जलाभिषेक कर पुरोहितों को दान दक्षिणा देकर कल्याण की कामना की।
मां गंगा गोकर्ण जनकल्याण सेवा समिति के सचिव व पुरोहित पं. जितेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान करने से हजारों यज्ञ का पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की गंगाजल, दूध, अक्षत, पुष्प आदि से पूजा कर वृक्ष में 108 बार धागा लपेट कर अपने-अपने पति के दीर्घायु की कामना करती हैं। सोमवती अमावस्या के दिन ही रात्रि में सूर्यग्रहण भी पड़ रहा है, जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इस अवसर पर क्षेत्र के गोला घाट, पूरे तीर, बहादुर गंज के घाटों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-दान कर पुण्य व मोक्ष की कामना की।