मथुरा। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल ने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करते हुये मांग की है कि देश के एमएसएमई में रजिस्टर्ड सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को धारा 43 बीएच के तहत खरीद भुगतान के लिये बाध्य न किया जाए। ऐसा करने से उद्योग जगत की अपनी आर्थिक भुगतान की समय पालना स्थिति को लेकर नया संकट पैदा हो जाएगा। भारत सरकार ने एक अप्रैल 2024 से 45 दिनों के अंदर व्यापारिक खरीद के भुगतान की समय सीमा निश्चित कर दी है। ऐसा न होने की स्थिति में उंस भुगतान को उंस औद्योगिक फर्म की आय मान लिया जाएगा। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी अजय अग्रवाल ने बताया कि इस प्रावधान से देश के छोटे और लघु उद्योगों की स्वतंत्रता उनके व्यापार के परस्पर सम्बन्ध प्रभावित होंगे। और सबसे बड़ी बात यह पूरी तरह अव्यवहारिक और अतार्किक है कि किसी भुगतान को 45 दिन बाद उस उद्योग की आय मान लिया जाएगा।फेम ने उद्योगों के हित मे यह कदम उठाया है। इसलिये सरकार में 43 बी एच पर कोई सुनवाई न होते देखकर फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फेम) को सर्वाेच्च न्यायलय के समक्ष जाना पड़ा है।
Home » मुख्य समाचार » छोटे उद्यमी हुए परेशान, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल पहुंची सुप्रीम कोर्ट