» क्रूज में बैठ कर गये, मोटर बोट से निकाले गए
मथुरा। अक्षय तृतीया पर यमुना में क्रूज चलाने का सपना पूरा नहीं हो सका। फरवरी महीने में क्रूज मथुरा पहुंच गया था। अब तक दो ट्रायल विफल हो चुके हैं। दूसरे ट्रायल के विफल होने के पीछे ओवर लोडिंग और कम पानी को कारण माना जा रहा है। क्रूजलाइंस द्वारा संचालित गरुड़ क्रूज का रनिंग ट्रायल पूरी तरह सफल नहीं हो सका है। जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में हुए ट्रायल में क्रूज के ओवरलोड हो जाने से तकनीकी परेशानी खड़ी हो गई। इसके बाद पीएसी की मोटरबोट से लोगों को किनारे तक लाना पड़ा। जो आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां बताते चलें कि धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं को टूरिज्म की बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य से ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा दिल्ली की अयोध्या क्रूज लाइन से करार किया गया है। करीब एक महीने पहले क्रूज के यमुना में उतरने के साथ स्थानीय नाविकों ने इसका पुरजोर विरोध शुरू कर दिया। प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद आखिरकार क्रूज के संचालन का रास्ता साफ हुआ और अक्षय तृतीया पर्व पर संचालकों द्वारा इसके रनिंग ट्रायल का ऐलान किया गया। केशीघाट से गरुण क्रूज में एएसपी कुंवर आकाश सिंह समेत अन्य कई अधिकारी, पीएसी के गोताखोर समेत आधा सैंकड़ा लोग सवार होकर यमुना की सैर करने निकले, लेकिन बीच मंझधार में पहुंचते ही ओवरलोड की वजह से क्रूज बालू में फंसने लगा। चालक दल के काफी प्रयास के बाद भी जब सफलता नहीं मिल पाई, तो पीएसी की मोटरबोट से क्रूज सवार लोगों को किनारे तक पहुंचाया गया। वजन कम करने के बाद क्रूज भी किनारे पर पहुंच सका।