भारत बन्द जन कल्याण विरोधी
हाथरस, जन सामना संवाददाता। जनजागरण एवं विकास संस्थान ने राजनीतिक दलों द्वारा 28 नवम्बर 2016 को प्रायोजित भारत बन्द का विरोध करते हुए कहा है कि काले धन और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों का विरोध हमारे राजनीतिक दलों की मानसिकता को दर्शाता है और उनका भारत बन्द जन कल्याण विरोधी है। देश की अर्थव्यवस्था एक लम्बे अर्से से न केवल काले धन और भ्रष्टाचार से जूझ रही थी बल्कि वंचित और गरीब वर्ग समान्तर अर्थव्यवस्था का शिकार होने के कारण विकास की राह पर आगे नहीं बढ़ पर रहा है और इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अति गोपनीय रूप से 8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 रूपयें के नोट चलन से बाहर कर दिए जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
उक्त बातें जनजागरण एवं विकास संस्थान के प्रबंधक आशीष सेंगर द्वारा मुंशी गजाधर सिंह मार्ग स्थित संस्थान के कार्यालय पर भारतीय अर्थ व्यवस्था एवं उच्च मुद्रा बन्दी विषय पर आयोजित एक चिन्तन बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोट बन्दी लागू करने से न केवल काला धन बाहर निकला है बल्कि भ्रष्टाचारियों की आर्थिक कमर टूट गई है। डाॅ.जसीम मोहम्मद ने कहा कि केन्द्र मे सत्ता परिवर्तन के बाद से प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अल्प शासनकाल मे भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व पटल पर खड़ा कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप अमरीका जैसे विकसित देशों को भी भारत के बारे में अपना नज़रिया बदलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि केवल प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तिगत विरोध करने के लिए विरोधी राजनीतिक दल विशेष रूप में कांग्रेस ने 28 नवम्बर 2016 को भारत बन्द की घोषणा की है जो कि देशहित और समाज हित मंे नहीं है। उन्होंने कहा कि बजाए संसद मे चर्चा करने के विरोधी दल देश की अर्थ व्यवस्था को चरमरा रहे है। आशीष सेंगर ने कहा कि विरोधी दलों का भारत बन्द जन विरोधी है। वे देश की अर्थ व्यवस्था पर कुठाराघात कर रहे है। उन्होंने अपील की विरोधी दलों की साजिश को असफल करते हुए सभी सामाजिक एवं व्यवासायिक वर्ग प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को नोट बन्दी को अपना समर्थन दे और भारत बन्द का विरोध करें।
रामू चैहान ने कहा कि राजनीतिक दल चुनावों मे काले धन का बड़े पैमाने पर प्रयोग करते रहे है। कांग्रेस के शासनकाल में टूजी घोटाला और अन्य कई घोटाले हुए इसीलिए जनता से अधिक परेशानी इन राजनीतिक दलों को हो रही है। धु्रव कुमार पौरूष एडवोकेट ने कहा कि जब कोई बड़ा आन्दोलन होता है तो त्याग भी करना पड़ता है और हमारा स्वतन्त्रता संग्राम उसका उदाहरण है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस समय आर्थिक स्वतन्त्रता संग्राम छेड़ा है जिसके समर्थन में हम भारत बन्द का विरोध करना होगा। काले धन और भ्रष्टाचार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए हम हर परेशानी उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि निज़ी विचारों और सहुलियतों से देश अधिक महत्वपूर्ण है।
बैठक में इंजी.अरविन्द कुमार सिंह, प्रबल प्रताप सिंह, सुमित पचैरी, वरूण शर्मा, शैलैष कुमार आदि उपस्थित थे।
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