Sunday, November 24, 2024
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य हेतु गठित समूह द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हेतु प्रस्तुतिकरण में मुख्य सचिव ने दिये आवश्यक निर्देश

लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत महिलाओं एवं बच्चों के प्रतिरक्षण में अधिकतम बढ़ोत्तरी हेतु अधिकतम प्रयास सुनिश्चित कराये जाये। प्रदेश में जन-समुदाय को समय से आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने हेतु यथाशीघ्र ‘‘ड्रग कार्पोरेशन’’ स्थापित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हाई प्रायाॅरिटी 25 जनपदों सहित जेई/ए0ई0एस0 प्रभावित जनपदों में प्रशिक्षित चिकित्सक व पराचिकित्सक की तैनाती सुनिश्चित कराते हुये इन जनपदों में प्राथमिकता पर समस्त आवश्यक उपकरण व औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये। मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश सरकार एवं नीति आयोग के संयुक्त कार्यकारी दल द्वारा तैयार किये गये ‘‘एक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’’ के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य हेतु गठित समूह द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हेतु प्रस्तुतिकरण में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्षय रोग, ए0ई0एस0 रोग व कालाबाजार रोग की रोकथाम के लिये प्राथमिकता पर आवश्यक कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आंकड़े अत्यधिक असंतोषजनक वाले प्रदेश के चिन्हित 25 जनपदों में गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, किशोर-किशोरियों हेतु चलाई जा रही योजनाओं का अधिक बल दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित एम्बुलेन्स सेवा (108, 102 व एडवांस लाइफ सपोर्ट) को और अधिक सुदृढ़ करते हुये एम्बुलेन्स के अनुश्रवण हेतु विशेष तकनीक विकसित की जाये ताकि सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के साथ-साथ जन-समुदाय में एम्बुलेन्स की समय से पहुंच प्रत्येक दशा में संभव हो जाये। श्री राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य के क्षेत्र में समुचित जानकारी दिये जाने व जागरूक किये जाने हेतु वृहद प्रचार-प्रसार की रणनीति यथाशीघ्र बनाई जाये जिससे कि विभिन्न माध्यमों यथा- टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्रों, होर्डिंग आदि के माध्यम से निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार प्रचार-प्रसार कराया जाये। उन्होंने कहा कि जन-समुदाय को यह भी जानकारी प्रदान की जाये कि विभिन्न स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिये उनके क्षेत्र के किसी चिकित्सालय में जल्द से जल्द पहुंच कर सेवायें प्राप्त की जा सकती हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के दृष्टिगत कार्यरत विशेषज्ञों के लिये कार्य आधारित इंसेटिव की व्यवस्था कराई जायेगी, साथ ही विशेषज्ञों को वाक इन इन्टरव्यू के माध्यम से उनकी सहमति लेते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला चिकित्सालयों में तैनात किया जायेगा। अत्यन्त महत्वपूर्ण विधाओं के विशेषज्ञों यथा-स्त्री रोग, बाल रोग व निश्चेतक के लिये ठपककपदह डवकमस अपनाया जायेगा। विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराने हेतु चिन्हित जिला स्तरीय चिकित्सालयों में एम0बी0बी0एस0 चिकित्सकों को डी0एन0बी0 ;क्पचसवउंज व िछंजपवदंस ठवंतकद्ध कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित कराया जाये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विशेषज्ञों की कमी के दृष्टिगत एम0बी0बी0एस0 चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण देकर जटिल प्रसव केसों के समुचित उपचार व प्रबन्धन हेतु तैयार किया जाये। एन.एच.एम के अन्तर्गत संविदा पर तैनात विशेषज्ञों व एम0बी0बी0एस0 चिकित्सकों को दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने पर विशेष इंसेटिव की व्यवस्था की जाये। दुर्गम क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञों व चिकित्सकों के लिये अन्य सुविधाओं यथा-आवास, वाहन एवं सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाये।
प्रदेश के चिन्हित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जहां पर एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक उपलब्ध न हो पा रहे हैं, वहां आयुष चिकित्सकों को तैनात किये जाने की व्यवस्था बनाई जायेगी जिसके लिये उनको विशेष प्रशिक्षण दिया जाये। साथ ही चिन्हित उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त ए0एन0एम0 को संविदा पर तैनात किये जाने की रणनीति बनाई जायेगी, जिसके लिये भारत सरकार से एन0एच0एम0 के अन्तर्गत धनराशि की मांग की जायेगी। प्रदेश के विभिन्न स्तर के राजकीय चिकित्सालयों पर दी जा रही सेवाओं को ेजंदकंतकप्रम किया जाये जिसके लिये ैजंदकंतक व्चमतंजपदह च्तवजवबवसे विकसित किये जाये। प्रदेश में नियमित पदांे पर संविदा पर कार्यरत ए0एन0एम0 व स्टाफ नर्सों को ैजंदकंतक व्चमतंजपदह च्तवजवबवसे पर विस्तृत प्रशिक्षण दिलाया जाये। प्रदेश में जे0ई0/ए0ई0एस0 रोग की वर्तमान स्थिति के दृष्टिगत रोग के रोकथाम हेतु सभी प्रयास किये जायें जिसके लिये प्रभावित जनपदों में जे0ई0 का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाये तथा सम्बन्धित कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर क्षमता संवर्धन किया जाये, साथ ही क्षेत्र में एक्टिव केसों की सघन खोज की जाये जिससे कि रोगियों की पहचान कर यथाशीघ्र उपचार संभव हो सके तथा उनकी मृत्यु को रोका जा सके। प्रभावित जनपदों में रोग की रोकथाम हेतु साफ-सफाई, फाॅगिंग आदि की व्यवस्था हेतु अंर्तविभागीय समन्वय सुनिश्चित किया जाये।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशान्त त्रिवेदी ने बताया कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के लिये मातृत्व लाभ योजना लागू की जायेगी जिसके अंतर्गत प्रत्येक गर्भवती महिला को राजकीय चिकित्सालय में पंजीकरण कराने, प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव व नवजात का टीकाकरण कराने पर रूपये 06 हजार की धनराशि का लाभ दिया जायेगा।