कानपुर: संवाददाता। कानपुर नगर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत झकरकटी बस अड्डे से सटे तालाब के सुंदरीकरण में बाधक बने परिवारों को उजाड़ दिया गया। इन 30 परिवारों के लोगों ने बताया कि वो लगभग 50 वर्षों से यहां निवास कर रहे थे । तालाब के किनारे 90 वर्षीय छोटेलाल वंशकार, राम काली वंशकार, किशन, शंकर आदि का दावा है कि वे यहां पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से निवास कर रहें हैं। यहां के निवासियों का दावा है कि इन परिवारों में लगभग एक दर्जन अंत्योदय राशन कार्ड धारक भी हैं। बस्ती निवासी सूरज ने बताया कि यहां रह रहे अधिकतर परिवारों के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड आदि बना हुआ है। लोगों ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना के हमें यहां से उजाड़ दिया गया। हम सबने ये मांग की कि पहले हमें कहीं बसा दिया जाए फिर अतिक्रमण अभियान चले तो हमे कोई आपत्ति नहीं है। पीड़ितों का कहना है कि जिलाधिकारी और नगरायुक्त के माध्यम से आश्वासन मिला था कि आप सब को पहले कहीं बसाया जायेगा फिर अभियान चलेगा। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
भारतीय दलित पैंथर के अध्यक्ष धनीराम बौद्ध व उपाध्यक्ष आनंद प्रकाश ने मौके पर पहुंच कर उजाड़े गए गरीब व दुखी परिवारों की पीड़ा सुनी। उन्होंने शासन प्रशासन से कहा कि सरकार द्वारा सुंदरीकरण की योजना का ये मतलब नहीं कि गरीब परिवारों को ही उजाड़ ही दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से मिल कर बात करेंगे कि उजाड़े गए गरीब परिवारों के लिए आवासीय योजना के तहत उन्हें कहीं आवास उपलब्ध करा कर बसाया दिया जाए।