♦ जिलाधिकारी ने दिये सख्त निर्देश, लगातार होगी चेकिंग
मथुरा: संवाददाता। खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी रुक नहीं रही है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। मसालों से लेकर दुग्ध पदार्थों तक में मिलावट की लगातार शिकायतें मिल रही है। जनपद में इस समय 10 हजार से अधिक कैंसर मरीज हैं। कैंसर के लिए खाद्य पदार्थों में मिलाए जा रहे खतरनाक रसायनों को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार कार्यवाही कर रहा है लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है। जिलाधिकारी ने अब नगर निकाय के अधिकारियों को मिलावट खोरी रोकने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह कलेक्ट्रेट सभागार में कर करेत्तर, राजस्व प्रशासन, राजस्व कार्याे, राजस्व वादों, आइ.जी.आर.एस, खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य रसद विभाग की मासिक समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिये। आगामी मुड़िया पूर्णिमा मेले तथा विभिन्न त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए लगातार अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान खाद्य तेलों, मसालों, दूध पनीर, घी, मिठाई आदि के नमूने अभियान चलाकर लिए जाएं। जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि उनके नगर क्षेत्र में मिलावटी खाद्य पदार्थ का उपयोग नहीं हो रहा हो। बैठक में अपर जिलाधिकारी न्यायिक सुरेंद्र कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय शंकर दूबे, नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार, सभी उप जिलाधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
संसाधनों की कमी से जूझ रहा खाद्य सुरक्षा विभाग
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिम्मे यह जिम्मेदारी है कि वह खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी रोके। विभाग के पास सीमित संसाधन हैं और विभाग मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है। जनपद में इस लोकसभा चुनाव में 19 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत हुए थे। जबकि विभाग के पास गिने चुने ही कर्मचारी और अधिकारी है।