Sunday, November 24, 2024
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कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी की तरफ से अजयपाल सिंह (मुन्ना भैया) लोक सभा चुनाव में कर रहे प्रतिनिधित्व

रायबरेली: पवन कुमार गुप्ता। जिले की राजनीति में कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी के प्रतिनिधि पूर्व विधायक ऊंचाहार अजय पाल सिंह भूचाल लाने का काम कर रहे हैं। इस लोकसभा के चुनाव में ऊंचाहार विधानसभा के साथ-साथ जिले का अधिकांश वर्ग कांग्रेस के लिए इतिहास रचने जा रहा है। इसका जिम्मा पूर्व विधायक ऊंचाहार अजयपाल सिंह उर्फ मुन्ना भैया ने संभाल रखा है। ऊंचाहार के पूर्व विधायक कुंवर अजयपाल सिंह (मुन्ना भैया) ने पूरे ऊंचाहार विधान सभा को एकजुट करने में पूरी ताकत लगा दी है। उनकी कोशिश है कि यहां से कांग्रेस को एकतरफा जीत दिलाई जाए। इसके लिए उन्होंने विभिन्न स्तर पर पूरा खाका तैयार किया है। साथ ही जिले भर में समाज के हर तबके को जोड़ने के लिए वह रात दिन एक-एक व्यक्ति से संपर्क कर रहे हैं। गौरतलब हो कि जहां एक तरफ तमाम नेता ऊंचाहार को अपना बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को यह एहसास नहीं है कि ऊंचाहार विधान सभा में मुन्ना भैया की अच्छी खासी लोकप्रियता है, उन्होंने ऊंचाहार की जनता राजनीतिक नहीं पारिवारिक रिश्ता कायम किया है और इसका पूरा लाभ कांग्रेस को मिल रहा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन के घटक दलों में विशेषकर सपा के लोगों से व्यक्तिगत संपर्क करके उन्हें खुद से जोड़ा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। सपा के एक-एक कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ ऐसा लगा हुआ है, जैसे उसका कुंवर अजयपाल सिंह से पुराना नाता हो।
यहां यह भी जानने की जरूरत है कि काफी समय से चुनाव और राजनीति से दूरी बना चुके पूर्व विधायक अजय पाल सिंह उर्फ मुन्ना भैया हर समय अपने कार्यकर्ताओं और आम जनमानस की जरूरत और उसको सुविधा सुलभ कराते रहें हैं। जिसका पूरा लाभ वर्तमान में कांग्रेस को मिलता दिख रहा है। कुंवर अजय पाल सिंह का कहना है कि हम लोग ऊंचाहार विधान सभा से राहुल गांधी को एक लाख से अधिक वोटों की लीड दिलाने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी की तरफ से अजय पाल सिंह द्वारा प्रतिनिधित्व किया जा रहा है जिसके कारण जिले के क्षत्रिय वर्ग और उनके नेता खासा प्रभावित हैं। हालांकि इन सबके जुड़ने और पार्टी के तैयारियों से यह बिलकुल भी नहीं कहा जा सकता कि जीत किसकी होगी यह जनता के मत पर निर्भर है और वह लोकतंत्र में चुनाव के महापर्व पर मतदान करके अपना नेता चुनेगी जिसका परिणाम 4 जून को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।