Sunday, November 24, 2024
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शुद्ध पेयजल संकट: आखिर क्या कारण है कि आवासीय परिसर में बढ़ती जा रही आरो वॉटर की डिमांड

पवन कुमार गुप्ताः ऊंचाहार, रायबरेली। भीषण गर्मी में शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। परंतु जिले के औद्योगिक क्षेत्र एनटीपीसी ऊंचाहार के आवासीय परिसर में शुद्ध पेयजल की समस्या होना गंभीर विषय है। एनटीपीसी परियोजना और आवासीय परिसर के अंदर लगे बड़े-बड़े पंप हाउस की वजह से आसपास के गांवों में पानी का स्तर कम हो गया है और शुद्ध पेयजल की समस्या भी बनी हुई है लेकिन कुछ समय से एनटीपीसी के आवासीय परिसर में निवास करने वाले लोगों के लिए भी शुद्ध पेयजल की बड़ी समस्या देखने को मिल रही है।
गौरतलब बात यह है आवासीय परिसर के निवासियों को शुद्ध पेयजल न मिलने से सैकड़ों रहवासी बाहर से आरो वॉटर मंगा कर पी रहे हैं। पेयजल की इस गंभीर समस्या पर दबी हुई जुबान में लोग आवाज तो उठाने की कोशिश कर रहे हैं परंतु नौकरी दांव पर लगने की बात कहकर मौन हो जाते हैं। बताते चलें कि अब साल के बारहों महीने एनटीपीसी के आवासीय परिसर में रहने वाले सैकड़ों परिवारों ने परिसर के बाहर से आरो वॉटर मंगा कर पीना शुरू कर दिया है। वहीं इस भीषण गर्मी में यह संख्या और भी बढ़ती जा रही है। कहीं इसका कारण यह तो नहीं कि परिसर के अंदर कॉलोनियों में सप्लाई किया जाने वाला पानी गुणवत्तविहीन हो और यहां के पानी में अशुद्धता हो.?
फिलहाल स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कॉलोनी के अंदर रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है और लोग बाहर से हजारों लीटर रो वॉटर मंगा कर पी रहे हैं। वहीं आसपास के गांव में जल का स्तर घटने से नलों ने पानी देना बंद कर दिया है और जिन नलों से पानी आ भी रहा वह पर्याप्त और शुद्ध नहीं है जिससे पेयजल का संकट गांवों में भी गहरा रहा है परंतु आम आदमी पानी खरीद कर कैसे पी सकेगा.? यह बड़ा सवाल है।
क्षेत्र के कुछ अभिभावकों ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि परिसर के अंदर रहने वाले लोगों ने तो आरो वाटर मंगा कर पीना शुरू कर दिया है, लेकिन यहां के विद्यालयों में क्या शुद्ध पानी की सप्लाई हो रही है.? या बच्चों को अशुद्ध पानी ही पीने को मिल रहा है.?
गौर करने वाली बात यह है कि दूषित पानी पीने से टाइफाइड जैसी संक्रामक बीमारियों के साथ जल जनित रोगों की संभावना बनी रहती है और स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। वहीं जिले की स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की सर्विलांस टीम को आरो प्लांट से नमूने भरकर जांच करनी चाहिए। कहीं शुद्ध पेयजल के चक्कर बीमारी बेचने का काम तो नहीं किया जा रहा है।