बांदा, शिव प्रसाद भारती। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी की तर्ज पर उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व म0प्र0 के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी अपना स्वागत बुके या अन्य भेंट वस्तुओं के स्थान पर पुस्तकों से करने का निर्णय लिया है। यह अत्यन्त सराहनीय कदम है, राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास ने भारत के प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का इस नये कदम का स्वागत किया है। इससे पुस्तक संस्कृति को निश्चय ही बढ़ावा मिलेगा और लोगों की पढ़ने-लिखने में रूचि बढ़ेगी।
राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास के बुन्देलखण्ड संयोजक ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी ने जो पुस्तकें भेंटकर स्वागत-सत्कार की पहल शुरू की है। उससे समाज में एक नया सन्देश गया है। लेखक, साहित्यकार, कवि, चिन्तक, बुद्धजीवी वर्ग सोचने लगा है कि शासन के मुखिया द्वारा उनकी बात को महत्व दिया जा रहा है, इससे वे समाज से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। अन्यथा वे अपने को अलग-थलग समझते थे। अब उनमें जीवन्तता आयेगी।
राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास ने इसी वर्ष बुन्देलखण्ड के क्षेत्रीय लेखकों, कवियों, साहित्यकारों के साहित्य को महत्व देने तथा उनकी पुस्तकें अपने जिले के राजकीय जिला पुस्तकालयों में क्रय कराने का भी अनुरोध उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ व म0प्र0 के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से किया था। जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक साहित्यकार, कवि, लेखक साहित्य साधना में लीन रहते हैं और समाज को नई दिशा देते रहते हैं, किन्तु आज के कम्प्यूटर और स्मार्ट मोबाइल के युग में वे अलग-थलग पड़े रहते हैं, उनकी रचनाओं, पुस्तकों की घोर उपेक्षा होती है जैसे पढ़ने-लिखने का समय ही चला गया है।
उन्होंने तीनों से एक अनुरोध यह भी किया है कि जब वे किसी भी क्षेत्र में जाय, वहां के व्यवस्थापकों/प्रशासन को यह निर्देश दें कि जो पुस्तकें भेंट की जाय, वे स्थानीय, क्षेत्रीय साहित्यकारों, कवियों, लेखकों की हों, तो निश्चय ही देश के सभी क्षेत्र के साहित्यकारों से परिचय होगा, उनके साहित्य को महत्व मिलेगा और साहित्यकारों को स्थानीय स्तर पर भी महत्व मिलने लगेगा, जिससे वे अपने को समाज से जुड़ा हुआ महसूस करने लगेंगे।