पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। आगजनी जैसे गम्भीर और जघन्य अपराध को अधिकांश गुंडागर्दी ही कहा जाता है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने पहले शांतिपूर्ण विरोध बताया और जब डीएम ने मामले में मुकदमा लिखवा दिया तो मात्र दस रुपए की क्षति बताकर इतिश्री कर ली गई। पुलिस की इस हरकत के विरुद्ध पीड़ित परिवार जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गया है।
पूरा मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के गांव पट्टी रहस कैथवल का है। गांव के निवासी ललित कुमार के यहां बीते साल नवंबर महीने में आगजनी की घटना हुई थी। इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आगजनी की घटना को आपसी विवाद में शांतिपूर्ण विरोध बताया था। जिसके बाद पीड़ित जिला मुख्यालय पर धरने में बैठा तो डीएम के आदेश पर आगजनी का मुकदमा दर्ज किया गया। अब इस मुकदमे की विवेचना में आगजनी में मात्र दस रुपए की क्षति बताया गया है। जिससे पीड़ित परिवार फिर आहत है। पुलिस के रवैए के विरुद्ध पीड़ित अपनी पत्नी के साथ जिला मुख्यालय पर फिर धरने पर बैठ गया है। उसका कहना है कि आरोपितों द्वारा मुकदमें के गवाहों को धमकाया जा रहा है। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
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