Thursday, November 21, 2024
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कोलकाता केस के विरोध में तृणमूल सांसद जवाहर सरकार का राज्य सभा से इस्तीफा

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मेडिकल छात्रा की हत्या के बाद चौतरफा विरोध का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस को रविवार को एक और झटके और विरोध का सामना करना पड़ा। जब उनके एक सांसद जवाहर सरकार ने ममता बनर्झी पर नकारापन का आरोप लगाते हुए राज्य सभा से इस्तीफा दे दिया। सरकार के इस्तीफे पर ममता बनर्जी फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता जवाहर सरकार ने रविवार को राज्यसभा और सक्रिय राजनीति से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ममता बनर्जी की अगुआई वाली बंगाल सरकार द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले से निपटने के तरीके के खिलाफ अपना विरोध जताया। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को संबोधित एक पत्र में, सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार की “निर्णायक कार्रवाई की कमी” पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मैं जल्द राज्यसभा के चेयरमैन को अपना इस्तीफा सौंपने दिल्ली जाऊंगा। उन्होंने कहा कोलकाता रेप मर्डर केस के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
ममता बनर्जी को लिखे गए सरकार के पत्र में लिखा है, “मुझे आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने संसद और राजनीति से भी इस्तीफा देने का फैसला किया है।” अपने पत्र में सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार के घोटालों को दूर करने के लिए सार्वजनिक रूप से टीएमसी से आग्रह करने के बाद, उन्हें वरिष्ठ नेताओं के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरजी कर मामले पर चल रहे सार्वजनिक आक्रोश का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने सरकार के खिलाफ इस तरह का गुस्सा और पूर्ण अविश्वास नहीं देखा है।”
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पार्टी में भ्रष्टाचार के बारे में उनकी टिप्पणी पर उन्हें सख्त संदेश भेजे जाने के कुछ दिनों बाद जवाहर का यह फैसला आया है। इसमें उनसे कहा गया है कि “अगर उन्हें लगता है कि वह पार्टी के अनुकूल नहीं हैं, तो सम्मानपूर्वक पद छोड़ दें।”
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल और कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए, सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘लोगों का वर्तमान में अचानक फूटा गुस्सा कुछ खास लोगों और भ्रष्ट लोगों के अनियंत्रित दबंग रवैये के खिलाफ है। अपने पूरे कार्यकाल में, मैंने सरकार के खिलाफ ऐसा गुस्सा और पूर्ण अविश्वास कभी नहीं देखा, भले ही वह कुछ सही या तथ्यात्मक बात कहती हो।’ ‘आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक धैर्यपूर्वक पीड़ित रहा हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ आपके सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था। ऐसा नहीं हुआ है और सरकार अब जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत कम और काफी देर से उठाया गया है।
‘जवाहर सरकार ने इस्तीफा देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, जब से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ है, मैं तब से खामोशी से पीड़ा-दर्द का सामना कर रहा हूं। साथ ही उन्होंने कहा, मैं उम्मीद कर रहा था कि आप (सीएम ममता बनर्जी) पुराने स्टाइल वाली सीएम ममत बनर्जी की ही तरह कोलकाता रेप केस के बाद प्रदर्शन करने वाले जूनियर डॉक्टर के साथ खड़ी होंगी और मामले में हस्तक्षेप करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
ममता बनर्जी को लिखे पत्र में जवाहर सरकार ने अपनी चिट्ठी में ममता सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा मुझे लगता है, राज्य में हालात बहुत पहले ही सामान्य हो जाते अगर जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म होने के फौरन बाद सरकार भ्रष्ट डॉक्टरों पर एक्शन लेती और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाती।
जवाहर सरकार ने न सिर्फ टीएमसी पार्टी से इस्तीफा दिया है, बल्कि उन्होंने साथ ही इस बात का ऐलान भी कर दिया है कि अब वो राजनीति से भी पीछे हट रहे हैं। जवाहर सरकार ने खुलासा भी किया है। उन्होंने बताया कि वो आज (2024) से पहले ही एक बार पार्टी को इस्तीफा सौंपने का मन बना चुके थे।
सरकार ने बताया कि साल 2022 में जब पार्टी के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और समाचारों में उनके खिलाफ सबूत साफ दिखाए जा रहे थे, उस समय भी मैंने बयान जारी कर कहा था कि पार्टी को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कदम उठाना चाहिए। लेकिन, मुझे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने घेर लिया था। मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप (सीएम ममता बनर्जी) ‘कट मनी’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखेंगी, जो आपने एक साल पहले शुरू किया था। उन्होंने कहा, लेकिन मैं पार्टी में देश के लिए काम करने के लिए बना रहा।
टीएमसी पार्टी के नेता कुणाल घोष ने राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के इस्तीफे पर कहा, मौजूदा समय में हम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में सैनिकों की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जवाहर सरकार के व्यक्तिगत सिद्धांत की आलोचना करता हूं, ऐसा नहीं है, यह उनका फैसला है।
सरकार ने पत्र में लिखा है। ष्मुझे लगता है कि इस राज्य में सामान्य स्थिति बहुत पहले ही बहाल हो सकती थी, अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के कॉकस को तोड़ दिया जाता और अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई करने के दोषियों को निंदनीय घटना के तुरंत बाद दंडित किया जाता।
उन्होंने मुख्यमंत्री से बलात्कार और हत्या मामले के संबंध में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया और कहा, ‘कृपया राज्य को बचाने के लिए कुछ करें। मैं जल्द ही दिल्ली जाऊंगा और राज्यसभा के सभापति को अपना इस्तीफा सौंपूंगा और खुद को राजनीति से पूरी तरह से अलग कर लूंगा।’
जवाहर सरकार द्वारा राज्यसभा और राजनीति से इस्तीफा देने की घोषणा के तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले से निपटने के तरीके को लेकर बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की। भाजपा ने टीएमसी द्वारा संचालित पश्चिम बंगाल सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए भी बनर्जी पर हमला किया।