सुल्तानपुर। जिले में पहली बार बेजुबान आवारा मवेशियों व पशुपालक के मवेशियों की मौत के बाद शव को जलाने के लिए श्मशान घाट बनाये जाने की तैयारी की जा रही है। जिसके बन जाने से आवारा पशुओं से लेकर पशुपालकों (किसानों) के लिए भी यह उपयोगी साबित होगा। इसके साथ ही प्रदूषण रहित तरीके से पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। इस बात की जानकारी जनपद के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एस. सुधाकरन द्वारा दी गई। सुधाकरन ने बताया कि जमीन नगर पालिका द्वारा चिन्हित कर ली गई है और इको फ्रेंडली शव दाह गृह में मवेशियों की मौतों पर उनका अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। अपर जिलाधिकारी ने आगे पर्यावरण की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अक्सर देखा जाता है सड़क पर या शहर में अन्य खुले स्थानों पर पशुओं के मृत्यु होने के बाद खुले में छोड़ देते हैं, जिससे वातावरण दूषित होता है। इस प्रदूषण को कम करने और शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह शवदाह गृह उपयोगी होगा। एडीएम सुधाकरन ने कहा कि ईओ नगरपालिका से मिल कर इसके बारे में अधिक जानकारी ली जा सकती है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लाल चंद ने कहा कि पशुओं के शवदाह गृह की जमीन चिन्हित कर ली गई है। बिजली से चलने वाले उपकरण व एक लौ के उपकरण में ऑयल होगा। जिसके लौ से पशुओं का अंतिम संस्कार हो सकेगा। यह इलेक्ट्रिक मशीन इस तकनीक से लैस होगी कि अंतिम संस्कार के बाद किसी प्रकार की कोई दुर्गंध नहीं आ सकेगी। जिससे पर्यावरण पर भी किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं हो सकेगा। पयागीपुर से अयोध्या बाईपास पर स्थित कमनगढ़ के पास दो गाटा की पर्याप्त जमीन का चयन कर लिया गया है।
अधिशासी अधिकारी लाल चंद्र ने बताया कि इस विद्युत संयत्र के शुरू हो जाने से सार्वजनिक स्थानों पर पशुओं के शव फेंके हुए भी नजर नहीं आएंगे और प्रदूषण पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा।