फिरोजाबाद। अनंतकाल से आदिकाल तक सतयुग से त्रेता युग, द्वापर और कलयुग तक धर्म की अधर्म पर जीत का पावन प्रतीक विजयदशमी पर्व हम सभी के लिए प्रेरणादाई है। यह उद्गार विजयदशमी पर्व को संबोधित कर रहे वक्ताओं ने व्यक्त किए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में पूरे चंद्रनगर महानगर के दस अलग-अलग नगरों में विजयदशमी का पावन पर्व स्वयंसेवकों द्वारा उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूर्ण गणवेश से सुसज्जित स्वयंसेवक बंधु उत्साह से लबालब नजर आए। अनादिकाल से धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक यह पर्व मनाने के लिए अलग-अलग स्थानो पर एकत्रित हुए स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन अर्थात दंड जो कि गणवेश का एक अंग भी है, का रौली व चावल लगाकर पूजन किया गया। संघ के प्रमुख उत्सवों में एक विजयदशमी पर्व भी विशेष महत्वता रखता है, ऐसी झलक स्वयंसेवकों के अनुशासन और पूर्ण गणवेश की परिपक्वता के साथ नजर आई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब सज्जन शक्ति अर्थात देवताओं पर विधर्मी अर्थात दानवी शक्ति हावी होना शुरू हुई तब ब्रह्मा विष्णु और महेश ने एक शक्ति दुर्गा के रूप में अवतरित की। जैसा की हम सभी को विदित है की सतयुग में मां दुर्गा ने महिषासुर का मर्दन भी इसी विजयदशमी के दिन किया था। वहीं त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने सज्जन शक्ति को एकत्रित कर दुष्ट रावण का विनाश किया। वहीं द्वापर में श्री कृष्ण के मार्गदर्शन में दानवी शक्तियों का विनाश किया गया। 12 वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास के पश्चात इसी दिन पांडवों ने शस्त्र पूजन किया था। वीर शिवाजी ने अपनी सीमाओं का विस्तार भी इसी दिन प्रारंभ किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो कि अपनी शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है, इस संगठन का भी शुभारंभ परम पूज्यनीय डॉक्टर हेडगेवार जी ने आज के ही दिन महाराष्ट्र के मोहिते के बाड़ा में पांच बाल स्वयंसेवकों के साथ किया था, जो कि आज एक विशाल वटवृक्ष के रूप में संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधने का संदेश दे रहा है। यह संगठन भारतवर्ष में ही नहीं, अपितु अन्य देशों में व्यक्ति निर्माण के कार्य में अग्रणी भूमिका में है। डॉक्टर हेडगेवार का कहना था की कोई भी धर्म तथा संस्कृति कितनी भी श्रेष्ठ क्यों ना हो जब तक उनकी रक्षा के लिए हमारे पास आवश्यक शक्ति नहीं है, तब तक हम जगत में आदर के योग्य नहीं होंगे। यदि हम शक्तिविहीन होंगे तो निश्चित ही हमें अपमान का सामना करना होगा। महानगर प्रचारक शेखर ने बताया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गया है, अक्टूबर 2025 से अक्टूबर 2026 तक संघ अपनी शताब्दी वर्ष मनाएगा। इस निमित्त संघ शाखा और रचना प्रत्येक बस्ती और उपबस्ती तक पहुंचाने का कार्य सभी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से महानगर संघचालक प्रदीप, विभाग कार्यवाह ब्रजेश, महानगर कार्यवाह गौरव, महानगर सह कार्यवाह रामकुमार, अभिषेक, महानगर प्रचार प्रमुख ललित, विभाग भाग और महानगर कार्यकारिणी के सभी दायित्ववान स्वयंसेवक बंधु एवं सभी नगरों के नगर कार्यवाह, कार्यकारिणी के बंधु और स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।