हाथरस, जन सामना ब्यूरो। मेला श्री दाऊजी महाराज के विशाल पंडाल में अखिल भारतीय गंगा-जमुनी मुशायरा में कवि-शायरों ने रंग जमा दिया। मुशायरे का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल, शमा रोशन न्यायाधीश अल्ला रक्खे खां ने किया। सरस्वती जी के छविचित्र पर माल्यार्पण राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के प्रपौत्र राजा चरत प्रताप सिंह ने किया।
कार्यक्रम के नाजिमे आला आशुकवि अनिल बौहरे ने सर्वप्रथम श्रोतओं को दो सवाल दिये। कोई जवाब न होने पर उन्होंने कहा कि हाथरस राज्य की स्थापना की 300 वीं वर्षगांठ तथा राजा दयाराम के शौर्य युद्ध की 200 वीं वर्षगांठ का वर्ष है। हाथरस की साहित्य, संस्कृति की गिरती हालात वयां करते हुये पदम विभूषण गीतकार नीरज को चांदी का मुकुट पहना कर सम्मानित कर काव्य पाठ प्रारम्भ कराया तो नीरजजी ने अनेकों कवितायें प्रस्तुत कीं तथा काव्य पाठ करते हुये कहा कि ‘जितना कम सामान रहेगा, सफर उतना आसान रहेगा’ पाठ से पूरा किया।
कवयित्री मीरा दीक्षित की सरस्वती वंदना तथा नूर मोहम्मद नूर के नात ए पाक से शुरू मुशायरा को एकदम ऊंचाई पर लगाकर सवा घंटा धूंआधार शायरी से समा बांधा। भोपाल के शायर जलाल मेकस ने सांप्रदायिेक सौहार्द को चुनौती दे रही राजनीति पर कहा-‘जो हमसे त्यार करते हैं, वो ही मतभेद करते हैं, हमारे घर जलाते, हमीं से खेद करते हैं।
कार्यक्रम को ऊंचाई की बुलन्दी दी कोटा राजस्थान से पधारे शायर कुंवर जावेद ने कहा-‘दुरंगे लोग तिरंगे की बात करते हैं।’ ‘देश में चरखा लेने से नेता बन सकता है गांधी नहीं’। आगरा से पधारे आयकर निरीक्षक व शायर रंजन सैनी ने कहा ‘आइना देखकर तुझको, संवर गया होता, आह में रश्क का कुछ तो असर गया होता।’
अखिल भारतीय गंगा-जमुनी मुशायरा का दूसरा दौर स्वर्गीय आचार्य रघुवीर प्रसाद त्रिवेदी की स्मृति को समर्पित था, जिसकी अध्यक्षता राजा चरत प्रताप ने की। कलाम पेश करने वाले सागर सूद पटियाला, शायरा रोशनी मुम्बई, मोहन मुन्तजिर नैनीताल, सुनीता रैना अनन्तनाग कश्मीर, चेतना शर्मा आगरा, राजेन्द्र विश्वकर्मा शाजापुर भोपाल, नदीम अनवर देवबन्द, मौनी देहलवी देहली, मीरा दीक्षित, रूबिया खान, राज्यबर्द्धन बिसारिया एटा, नूर मोहम्मद, बाबा देवी सिंह निडर, श्यामबाबू चिन्तन, स्नेहा शर्मा, दिनेश राज कटारा आदि शायरों ने गुलजार देवबन्द की निजामत में काव्य पाठ किया।
मुशायरे को मुम्बई की शायरा रोशनी की शायरी ‘जहां में मुस्कराना सीख लो तुम, दिलों से दिल मिलाना सीख लो तुम’ तथा अल्ला रक्खे खां ने मुशायरा सम्पन्न किया।
मुशायरा के संयोजक/कन्वीनर चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने पगड़ी बांधकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह, रवि प्रकाश अग्रवाल, विनय अग्रवाल आगरा, संजीव वाष्णेय अवागढ़, अंकुर मित्तल अलीगढ़ आदि का सम्मान इंतजामियां अजय गौड़ एड., योगेश बाल्यान ने किया। मुशायरे में सत्यप्रकाश रंगीला, ललितेश वाष्र्णेय, अनुज संत, राजू नेता, बीना गुप्ता एड., कपिल नरूला, बालकवि विष्णु, ललित कुमार, योगेश, राजकुमार पचैरी, संतोष पंडित भूरा, डा. रमन गुप्ता, हाजी फजलुर्रहमान, विजय सिंह प्रेमी, कप्तान सिंह ठेनुआं, चै. रामकुमार वर्मा, अरूण कुलश्रेष्ठ, डा. जितेन्द्र स्वरूप शर्मा फौजी, विशाल गुप्ता, विजय माहेश्वरी, जयशंकर पारासर, पन्नालाल, मुन्नालाल शर्मा, बासुदेव उपाध्याय, प्रदीप पंडित, गिर्राजसिंह गहलौत, नवल नरूला, चांद मौहम्मद, शशी गुरू, अविनाश पचैरी, डा. जितेन्द्र शर्मा, अमित वाष्र्णेय, शेखर वाष्र्णेय, सुनील, जितेन्द्र प्रधान, रवि वाष्र्णेय, संजय कप्तान, कन्हैयालाल पुलन्द, शरद उपाध्याय नन्दा, आदित्य शर्मा, शशांक पचैरी, रामजीलाल दीक्षित, मुवीन खान, मुहम्मद अकबर कुरैशी, हाजी दीन मौहम्मद, हाजी सलीम, दीपक दद्दा, अवधेश बक्शी, कपिल सिंह, जगदीश लवानियां, कुंवर सुभाष ठेनुआं, केशवदेव सहयोगी आदि उपस्थित थे। मुशायरे का संचालन आशुकवि अनिल बौहरे, गुलजार देवबंदी, हनीफ संदली ने किया। संयोजन कांग्रेस कमेटी के शहराध्यक्ष चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने किया। अमृतसिंह पौनियां ने आभार प्रकट किया। मुशायरा सुबह 5 बजे दाऊ बाबा के जै कारे से सम्पन्न हुआ।